केंद्रीय कैबिनेट ने डैम सेफ्टी बिल 2019 किया पास, कंपनी कानून में संशोधन के विधेयक को मंजूरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 17, 2019 05:10 PM2019-07-17T17:10:16+5:302019-07-17T17:10:16+5:30
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘प्रस्तावित संशोधन से कारोबार सुगमता और बढ़ेगी तथा राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण और विशेष अदालतों पर मुकदमों का बोझ हल्का होगा।’’ इसमें कानून के उल्लंघन के गंभीर मामलों पर जोर होगा और कंपनियों की तरफ से नियमों के बेहतर तरीके से पालन सुनिश्चित होगा।
सरकार ने बुधवार को कंपनी कानून, 2013 में संशोधन से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी। विधेयक 2019 में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘प्रस्तावित संशोधन से कारोबार सुगमता और बढ़ेगी तथा राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण और विशेष अदालतों पर मुकदमों का बोझ हल्का होगा।’’ इसमें कानून के उल्लंघन के गंभीर मामलों पर जोर होगा और कंपनियों की तरफ से नियमों के बेहतर तरीके से पालन सुनिश्चित होगा।
Cabinet approves Insolvency and Bankruptcy Code (Amendment) Bill, 2019 in its meeting today; also approves proposal for enactment of the Dam Safety Bill, 2019. https://t.co/qUrym6GMlJ
— ANI (@ANI) July 17, 2019
विज्ञप्ति के मुताबिक कि संशोधन से उन कंपनियों को लाभ होगा जो कानून का अनुपालन करती हैं। वहीं इससे कंपनी संचालन और कंपनी कानून, 2013 के उल्लेखित प्रावधानों के अनुपालन के नियमों की कमजोरियां दूर होंगी। केंद्रीय कैबिनेट ने नेशनल डैम सेफ्टी बिल 2019 को लागू करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब नेशनल डैम सेफ्टी अथॉरिटी को 5,600 डैम को नियंत्रित करने की इजाजत दी जाएगी।
सरकार ने ऋण शोधन अक्षमता कानून में सात संशोधन को मंजूरी दी
सरकार ने बुधवार को ऋण शोधन अक्षमता संहिता में कुल सात संशोधन किए जाने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) में संशोधन का मकसद कंपनी कर्ज शोधन अक्षमता समाधान रूपरेखा में गंभीर खामी को दूर करने के साथ समाधान प्रक्रिया के जरिये अधिकतम मूल्य प्राप्त करना है।
मंत्रिमंडल ने संहिता में बदलाव को मंजूरी दे दी। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार संशोधन से सरकार समयसीमा का कड़ाई से पालन करने के साथ साथ यह सुनिश्चित कर सकेगी कि चलता हाल कंपनी के लिए अच्छा से अच्छा पैसा मिल सके।