CAB- बंगाल, केरल और पंजाब के सीएम ने कहा- राज्य में लागू नहीं होने देंगे, भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर सीधा हमला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 12, 2019 07:55 PM2019-12-12T19:55:01+5:302019-12-12T19:57:12+5:30

इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने भी अपने-अपने राज्यों में नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू करने से मना कर दिया है। पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह बोले- CAB रोकने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे।

CAB: CMs of Bengal, Kerala and Punjab said- will not be implemented in the state, direct attack on India's secular character | CAB- बंगाल, केरल और पंजाब के सीएम ने कहा- राज्य में लागू नहीं होने देंगे, भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर सीधा हमला

कैब को लेकर हंगामा शुरू।

Highlightsममता बनर्जी ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर रणनीति पर विचार करने के लिए 20 दिसंबर को पार्टी के सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई है।जिला अध्यक्षों, सांसदों और विधायकों समेत सभी नेताओं से बैठक में मौजूद रहने के लिए कहा गया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वह नागरिकता संशोधन विधेयक को अपने राज्य में लागू नहीं होने देंगे। उनका कहना है कि यह विधेयक भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर सीधा हमला है।

इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने भी अपने-अपने राज्यों में नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू करने से मना कर दिया है। पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह बोले- CAB रोकने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर रणनीति पर विचार करने के लिए 20 दिसंबर को पार्टी के सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई है।

पार्टी के एक नेता ने बताया कि बंगाल में एनआरसी और कैब को लागू करने का सख्ती से विरोध कर रही बनर्जी ने बृहस्पतिवार को टीएमसी नेताओं और सांसदों से बैठक में शामिल होने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘टीएमसी प्रमुख ने 20 दिसंबर को आपात बैठक बुलाई है।

जिला अध्यक्षों, सांसदों और विधायकों समेत सभी नेताओं से बैठक में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर रणनीति बनाई जाएगी।’’ पार्टी के सूत्रों के अनुसार, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी 20 दिसंबर की बैठक में मौजूद रहेंगे। तृणमूल कांग्रेस ने 2021 के विधानसभा चुनावों के लिए प्रशांत किशोर की सेवाएं ली हैं।

नागरिकता विधेयक : प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन किया, आसू ने रैली की

असम के गुवाहाटी शहर में लगे अनिश्चितकालीन कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए हजारों लोग गुरुवार को शहर के लतासिल मैदान में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ आयोजित ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू) की रैली में शामिल हुए। नागरिकता विधेयक के खिलाफ इस सभा के आयोजकों में शिल्पी समाज भी शामिल था और प्रख्यात साहित्यकार, कलाकार, प्रमुख हस्तियां, वकील, छात्र और आम लोग पूरे शहर से सभा में जुटे।

उल्लेखनीय है कि बुधवार शाम से गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू है और विधेयक के खिलाफ हिंसा के मद्देनजर राज्य की राजधानी सहित डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और जोरहाट में सेना बुलाई गई है। जनसभा को संबोधित करते हुए आसू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल पर संसद में नागरिकता विधेयक पारित कराकर असमी लोगों से कथित ‘‘विश्वासघात’’ करने का आरोप लगाते हुए निंदा की।

उन्होंने राज्य में भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी के एकमात्र राज्यसभा सदस्य बीरेंद्र प्रसाद बैश्य ने विधेयक के पक्ष में मत देकर असम के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है। भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ सोनोवाल को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी तक आसू के मंच के जरिये पहुंचे हैं और दिल्ली की सत्ता के आगे झुकने को न तो असम के छात्र और न ही यहां की जनता बर्दाश्त करेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कल सरकार द्वारा छात्रों पर लाठी चार्ज की निंदा करते हैं जबकि मुख्यमंत्री कभी खुद आसू के अध्यक्ष थे।’’ आसू के मुख्य सलाहकार ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने असम के लोगों के साथ ‘‘घोर अन्याय’’ किया और कहा कि आसू इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ मूल लोगों की पहचान और अस्तित्व को किसी भी कीमत पर बचाया जाना चाहिए।’’ अगप पर हमला करते हुए भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘पार्टी के नेता एक समय आसू के नेता थे जिसने विदेशी विरोधी आंदोलन की अगुवाई की थी लेकिन वे सत्ता के लोभ में लोगों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। प्रभावी पूर्वोत्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) के सलाहकार भट्टाचार्य ने कहा कि क्षेत्र के छात्र संगठन एकजुट हैं और आसू एवं एनईएसओ के अन्य घटकों ने हर साल 12 दिसंबर को काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा पूर्वोत्तर के लोगों को इनर लाइन परमिट (आईएलपी) और असम के सात जिलों को संविधान की छठी अनुसूची के तहत विधेयक के लागू करने से छूट देकर बांटना चाहती है लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों के सभी लोगों ने अन्याय के खिलाफ लड़ाई का समर्थन किया है।’’ कर्फ्यू का उल्लंघन कर विधेयक के खिलाफ आयोजित रैली में शामिल होने वाले लोगों को धन्यवाद देते हुए भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ लोगों के हाथ में बहुत ताकत है।

प्रत्येक सड़क और गली में पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन वे सभा स्थल पर पहुंचने में कामयाब हुए।’’ लोगों से विधेयक के खिलाफ शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से प्रदर्शन की अपील करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम अपील करते हैं कि कोई भी हिंसा में शामिल नहीं हो क्योंकि इसका इस्तेमाल शासन विधेयक के खिलाफ लोगों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए कर सकता है।’’ अमसी गायक एवं संगीतकार जुबिन गर्ग ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोग नागरिकता संशोधन विधेयक को स्वीकार नहीं करेंगे। 

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