CAA विरोध प्रदर्शन: जामिया के छात्रों का हुआ भारी नुकसान, किसी की इंटर्नशिप तो किसी की नौकरी की योजना पर फिरा पानी

By भाषा | Published: December 16, 2019 06:59 PM2019-12-16T18:59:40+5:302019-12-16T19:01:03+5:30

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने पुलिस कार्रवाई में किसी भी छात्र की मौत की सूचनाओं का खंडन करते हुये अफवाहें फैलाने से बचने और छात्रों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।

CAA protest: Jamia Millia Islamia University students huge loss, student internship, delhi | CAA विरोध प्रदर्शन: जामिया के छात्रों का हुआ भारी नुकसान, किसी की इंटर्नशिप तो किसी की नौकरी की योजना पर फिरा पानी

File Photo

Highlightsनागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया में विरोध प्रदर्शन के बाद उपजे तनाव के कारण विश्वविद्यालय में अचानक अवकाश घोषित हुए। नसीर अहमद और साहिल वारसी जैसे तमाम छात्रों के लिये पिछले दो दिनों में हुआ घटनाक्रम करियर की उड़ान के लिये करारे झटके से कम नहीं है।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया में विरोध प्रदर्शन के बाद उपजे तनाव के कारण विश्वविद्यालय में अचानक अवकाश घोषित होने की वजह से मायूस छात्रों ने सोमवार को कैंपस छोड़कर जाना शुरु कर दिया। नसीर अहमद और साहिल वारसी जैसे तमाम छात्रों के लिये पिछले दो दिनों में हुआ घटनाक्रम करियर की उड़ान के लिये करारे झटके से कम नहीं है।

नसीर और वारसी की तरह जामिया के ज्यादातर छात्रों ने सर्दी की छुट्टी में इंटर्नशिप और नौकरी की खातिर साक्षात्कार देने का कार्यक्रम बना लिया था लेकिन शनिवार और रविवार को विश्वविद्यालय में पुलिस कार्रवाई के बाद इन छात्रों की छुट्टियों की सारी योजना पर पानी फिर गया है।

एमसीए के छात्र नसीर और वारसी को क्रिसमस के समय सर्दी की छुट्टी में एक कंपनी में इंटर्नशिप का बुलावा आ गया था लेकिन अब विश्वविद्यालय में पांच जनवरी तक घोषित अवकाश के दौरान बिहार स्थित अपने घर जाना पड़ रहा है। नसीर ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा का हवाला देते हुये छात्रावास में नहीं रहने की मौखिक तौर पर सलाह दी है।

दोनों ने इंटर्नशिप की खातिर आसपास के इलाके में किराये पर कमरा लेने की भी कोशिश की लेकिन उनके अभिभावकों ने इसकी इजाजत नहीं दी और अब उन्हें बनारस स्थित अपने घर वापस लौटना पड़ रहा है। भौतिक विज्ञान में एमएससी कर रहे अताउर्रहमान के लिये तो यह मंजर किसी हादसे से कम नहीं है क्योंकि उन्हें एक निजी शिक्षण संस्थान ने बतौर शिक्षक नौकरी पर रखने से पहले 15 दिन तक छात्रों को ट्रायल क्लास में पढ़ाने का मौका दिया था।

उन्होंने बताया कि वह सर्दी की छुट्टी का इस्तेमाल नौकरी पाने की अपनी कोशिशों को कामयाब बनाने में करना चाहते थे। छात्रों ने बताया कि पूर्व नियेाजित कार्यक्रम के मुताबिक सर्दी की छुट्टी 26 दिसंबर से पांच जनवरी तक होने वाली थी। शनिवार की घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने 16 और 21 दिसंबर को होने वाली परीक्षायें रद्द कर 15 दिसंबर से पांच जनवरी तक अवकाश घोषित कर दिया।

विज्ञान स्नातक की छात्रा शाइस्ता ने कहा कि उन्हें रविवार को महिला छात्रावास में पुलिस कार्रवाई के बाद छात्रावास छोड़ कर बिजनौर स्थित अपने घर जाना पड़ रहा है। शाइस्ता ने बताया कि फिलहाल छात्रावास में रहना बिल्कुल सुरक्षित नहीं है, इसलिये उनके पिता उन्हें लेने के लिये आ रहे हैं, तब उन्हें विश्वविद्यालय परिसर के बाहर ही उनका इंतजार करना पड़ेगा।

एमएससी के छात्र शाहिल मोहम्मद ने बताया कि वह अपने दैनिक खर्चों की पूर्ति के लिये आसपास के इलाके में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। इस घटना के बाद उन्हें भी मजबूरी में अपने घर पटना जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे न सिर्फ उन बच्चों की भी पढ़ाई का नुकसान होगा जिन्हें मैं पढ़ाता हूं, साथ ही मेरी पढ़ाई भी प्रभावित होगी।’’

इस बीच जामिया इलाके में अफवाहों का बाजार भी खूब गरम है। छात्रों ने बताया कि सुबह से दो बार जामिया मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो रेल नहीं रुकने की गलत जानकारी फैल चुकी है। इससे अपने घरों की ओर जाने वाले छात्रों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी प्रकार पुलिस कार्रवाई में छात्रों के हताहत होने जैसी भी अफवाहें उड़ायी गयीं।

इस बीच विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने पुलिस कार्रवाई में किसी भी छात्र की मौत की सूचनाओं का खंडन करते हुये अफवाहें फैलाने से बचने और छात्रों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव ए पी अख्तर ने बताया कि जामिया परिसर में छात्रों को मेट्रो सहित आवागमन के अन्य जरूरी साधनों की उपलब्धता के बारे में आधिकारिक तौर पर सूचनायें मुहैया करायी जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत कर आंदोलन के दौरान हिरासत में लिये गये 50 से अधिक छात्रों को रिहा करा लिया है। इस बीच आईआईटी दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर वी के त्रिपाठी ने जामिया मेट्रो स्टेशन के बाहर छात्रों और स्थानीय लोगों से अपील करने की सार्थक पहल शुरु की है। प्रो. त्रिपाठी छात्रों को शांति कायम करने और संयम बरतने की अपील करते हुये नागरिकता संशोधन कानून सहित विवाद की वजह बन रहे अन्य विषयों पर बातचीत कर छात्रों के गुस्से को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। 

Web Title: CAA protest: Jamia Millia Islamia University students huge loss, student internship, delhi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे