CAA Protest: 'पड़ोसी मुल्क हमारा दुश्मन देश नहीं है, सरकार के खिलाफ कुछ भी कहो तो हम पाकिस्तानी हैं'
By रामदीप मिश्रा | Published: January 29, 2020 01:18 PM2020-01-29T13:18:36+5:302020-01-29T13:18:36+5:30
CAA Protest: दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है, जहां प्रदर्शन की अगुवाई मुख्य तौर पर महिलाएं कर रही हैं। इस प्रदर्शन में हर रोज हजारों की तादाद में समर्थकों का जमावड़ा लग रहा है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लगातार विरोध जारी है। इसी सिलसिले में बुधवार (29 जनवरी) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, जहां एक्टिविस्ट तपन बोस ने कहा है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान हमरा दुश्मन नहीं है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए तपन बोस ने कहा, 'हमारे पड़ोसी देश के साथ अमन से रहने के जो काम करते हैं वो देशभक्त हैं। देशद्रोही नहीं है। इनके (मोदी सरकार) खिलाफ हम कुछ भी कहते हैं तो ये कहते हैं कि हम पाकिस्तानी हैं। इसका कोई मतलब नहीं है।'
उन्होंने आगे कहा, 'पाकिस्तान कोई दुश्मन देश नहीं है। यहां की सरकारी वर्ग और वहां का सरकारी वर्ग एक जैसा है। वहां का आदमी और यहां का आदमी एक जैसा है। वहां का आदमी अपने लोगों को मारता है, हमारा भी आदमी अपने लोगों को मारता है। दोनों में कोई अंतर नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'आप पाकिस्तान में जाएं और लोगों से बात करें, वे इतने प्यार से आपसे बात करते हैं और हर बात पर कहते हैं कि कैसे भी सुलह हो जाए। कुछ करा दीजिए आप।'
#WATCH Activist Tapan Bose at Jantar Mantar during anti-CAA/NRC protest: Pakistan is not an enemy country, ruling class of India & Pakistan are alike. Our armies are alike too, their army kills their people and our army kills our people, there is no difference between them. pic.twitter.com/DaVHms7dWZ
— ANI (@ANI) January 29, 2020
इधर, दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है, जहां प्रदर्शन की अगुवाई मुख्य तौर पर महिलाएं कर रही हैं। इस प्रदर्शन में हर रोज हजारों की तादाद में समर्थकों का जमावड़ा लग रहा है। हालांकि देश के गृहमंत्री अमित शाह साफ कर चुके हैं कि कुछ भी कर लिया जाए, लेकिन सीएए को वापस नहीं लिया जाएगा। सीएए लोगों को नागरिकता देने का कानून है न कि किसी की नागरिकता छीनने का कानून है।