बक्सर में गंगा नदी के पानी का रंग बदला, हड़कंप, कोरोना काल में फेंके गए थे बड़े पैमाने पर लाश
By एस पी सिन्हा | Published: June 12, 2021 08:38 PM2021-06-12T20:38:35+5:302021-06-12T20:40:53+5:30
बक्सर जिले के चौसा में रहने वाले राकेश सिंह ने बताया कि मैं पिछले 22 वर्षों से गंगा नदी को देख रहा हूं, लेकिन इस तरह गंगा का पानी ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.
पटनाः बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदी में तैरती सैकड़ों लाशों के मिलने के बाद मची सनसनी के बाद इसका दुष्प्रभाव भी अब दिखने लगा है.
पिछले कुछ दिनों से गंगा नदी के पानी का रंग भी बदलकर हरा दिखने लगा है. ऐसा लग रहा है कि जैसे नदी के जल पर हरे रंग की काई लगी हो. हालांकि धारा का प्रवाह जहां है, वहां की स्थिती का तो पता नही चल पा रहा है, लेकिन किनारों में पानी के रंग में बदलाव दिखने के बाद हड़कंप मच गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बक्सर जिले के चौसा में रहने वाले राकेश सिंह ने बताया कि मैं पिछले 22 वर्षों से गंगा नदी को देख रहा हूं, लेकिन इस तरह गंगा का पानी ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. पानी के रंग के बदलाव के बाद स्थानीय लोग इसमें नहाहे से परहेज करने लगे हैं. हालांकि धार्मिक विचार के तहत बाहर से आने वाले लोग इसमें स्नान कर रहे हैं.
स्थानीय लोगों में संक्रमण का डर सता रहा है. वहीं, स्थानीय मंदिर के पुजारी अमरनाथ पांडेय ने बताया कि लोग गंगा मां को श्रद्धा से बिना स्नान किए जल छिड़क लेते हैं, उन्हें संक्रमंण का डर सता रहा है. उन्होंने बताया कि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ जिस तरह आज गंगा का पानी हरा हो चुका है. जब से गंगा में शव मिला है तभी से पानी का रंग बदल चुका है.
मैंने अपने जीवन काल में इस तरह का पानी कभी नहीं देखा. इसी बीच गंगा के पानी का रंग बदल गया जिसने सभी को चिंता में डाल दिया है. जैसा दिख रहा है चौसा के रानी घाट पर जानवर भी पानी पीने से कतरा रही है. वही रामरेखा घाट पर कुछ ही लोग स्नान करते देखे जा सकते हैं.
बताया जाता है कि पानी के रंग में बदलाव को देखते हुए प्रशासन के द्वारा लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में जल का नमूना भेजा गया है. अपनी जांच में वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि इसमें भी संक्रमण फैला है क्या? कोरोनाकाल में हुई मौतों के बाद यदि किसी व्यक्ति का शव गंगा में बहाया गया हो तो क्या उससे पानी दूषित हुआ है, या पानी दूषित होने का कोई और भी कारण है?
यहां उल्लेखनीय है कि गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए केंद्र सरकार ने अबतक 20 अरब 37 करोड़ रुपए खर्च कर दिया है. लेकिन हालात बद से बदतर है. पिछले दिनों यह बात सामने आई थी कि गंगा के पानी में भी संक्रमण फैल गया है. जिसको लेकर लॉकडाउन के दौरान गंगा में स्नान आदि पर रोक लगाई गई थी.
गंगा नदी के पानी की शुद्धता की जांच के लिए बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों ने पानी के नमूने का संग्रह पिछले दिनों किया गया. बक्सर के विभिन्न गंगा घाटों के साथ-साथ भोजपुर और पटना में भी पानी के नमूने संग्रहित कर जांच के लिए भेजा गया है. गंगा का पानी जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि पूरा मामला क्या है?
यहां बता दें कि पिछले दिनों बडे पैमाने पर लोगों ने गंगा नदी में शवों को प्रवाह किया था, जिसके बाद देश के साथ साथ पुरे विश्व में भी यह चर्चा का विषय बन गया था. बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा शवों को निकालकर दफना दिया गया था. इस दौरान काफी हो-हल्ला होने के बाद अब शवों को गंगा में प्रवाह करने का सिलसिला भी अब लगभग बंद हो गया है.