मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ के भांजे रतुल पुरी को ED ने किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 20, 2019 09:09 AM2019-08-20T09:09:12+5:302019-08-20T09:09:12+5:30
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को अदालत से कहा था कि रतुल पुरी 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में जांच में शामिल होने से बच रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ के भांजे रतुल पुरी को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को अदालत से कहा था कि रतुल पुरी 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में जांच में शामिल होने से बच रहे हैं।
ईडी ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष ये आरोप लगाये, जो पुरी की उस अर्जी पर सुनवाई कर रहे थे जिसके मार्फत उन्होंने अपने खिलाफ एक गैर जमानती वारंट रद्द करने का अनुरोध किया था। जांच एजेंसी ने पुरी की याचिका का विरोध किया और कहा कि उसने रविवार और सोमवार सहित कई मौकों पर पुरी को बुलाया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। पुरी के वकील विजय अग्रवाल ने दावा किया कि एजेंसी पुरी के प्रति निष्पक्ष नहीं रही है, जो कि जांच में सहयोग करना चाहते हैं।
अग्रवाल ने अदालत से कहा, ‘‘वह ईडी के साथ जांच में शामिल होना चाहते हैं लेकिन ईडी ने आज पूर्वाह्न 11 बज कर 55 मिनट पर उन्हें एक ई-मेल भेजा और दोपहर एक बजे बुलाया। यह अनुचित है। कोई व्यक्ति इतने कम समय के नोटिस में जांच में कैसे शामिल हो सकता है।’’ बहरहाल, अदालत ने पुरी की याचिका पर अपना आदेश 21 अगस्त के लिए सुरक्षित रख लिया।
सीबीआई ने भी दर्ज किया है केस
रविवार को ही सीबीआई ने मोजरबेयर के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दायर 354 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले मामले में दर्ज किया गया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने जिन पर मुकदमा दर्ज किया है उनमें पुरी के अलावा कंपनी (एमबीआईएल), उनके पिता एवं प्रबंध निदेशक दीपक पुरी, निदेशकों - नीता पुरी (रतुल की मां और कमलनाथ की बहन), संजय जैन और विनीत शर्मा शामिल हैं।
इन पर कथित तौर पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। बैंक ने एक बयान में बताया कि रतुल ने 2012 में कार्यकारी निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था जबकि उनके माता-पिता निदेशक मंडल में रहे। इस संबंध में पुरी के वकील की टिप्पणी का अनुरोध अनसुना कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि एजेंसी ने ओखला औद्योगिक क्षेत्र और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित पुरी आवास समेत राष्ट्रीय राजधानी के छह स्थानों पर छापे मारे गए। कंपनी कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी), डीवीडी और ठोस स्टोरेज उपकरणों का निर्माण करती है। यह मामला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज किया गया।
बैंक ने शिकायत में आरोप लगाया कि कंपनी 2009 से विभिन्न बैंकों से लोन ले रही थी और कई बार पुनर्भुगतान की शर्तों में बदलाव करा चुकी थी। बैंक की यह शिकायत अब सीबीआई की प्राथमिकी का हिस्सा है।
इसमें आरोप लगाया गया कि जब वह (कंपनी) कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ रही तो एक फॉरेन्सिक ऑडिट किया गया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने खाते को 20 अप्रैल 2019 को ‘‘फर्जी” घोषित कर दिया।
बैंक का दावा है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से फंड जारी कराने के लिए नकली एवं जाली दस्तावेजों का प्रयोग किया।