मोदी सरकार की बुलेट ट्रेन के खिलाफ उतरे किसान, जमीन अधिग्रहण को लेकर खटखटाया HC का दरवाजा

By रामदीप मिश्रा | Published: June 22, 2018 05:10 AM2018-06-22T05:10:03+5:302018-06-22T05:45:45+5:30

मोदी सरकार को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। इसका विरोध महाराष्ट्र से लेकर गुजरात तक हो रहा है।

Bullet train project Gujarat farmers approach High Court over land acquisition | मोदी सरकार की बुलेट ट्रेन के खिलाफ उतरे किसान, जमीन अधिग्रहण को लेकर खटखटाया HC का दरवाजा

मोदी सरकार की बुलेट ट्रेन के खिलाफ उतरे किसान, जमीन अधिग्रहण को लेकर खटखटाया HC का दरवाजा

अहमदाबाद, 22 जूनः मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के वास्ते राज्य सरकार की प्रारंभिक अधिसूचना के खिलाफ सूरत जिले के किसानों ने गुरुवार को गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया। सूरत के पलसाना तालुका के अंत्रोली गांव के किसानों ने अपनी याचिका में दावा किया है कि सरकार ने नियमों का अनुसरण नहीं किया और अधिसूचना को रद्द करने की मांग की। 

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उनकी भूमि की कीमत की समीक्षा करने से पहले जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकती है क्योंकि यह भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 में अनिवार्य है। उन्होंने दावा किया कि सरकार 2011 की बाजार कीमत को मान रही है लेकिन याचिकाकर्ताओं की मांग है कि मूल्य 2017 के हिसाब से हों जब परियोजना शुरू हुई थी। 

चार विभिन्न याचिकाओं को स्वीकारने के बाद मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति वीएम पंचोली की खंडपीठ ने सरकार के वकील को सरकार से निर्देश लेने के निर्देश दिए और मामले की सुनवाई सोमवार को भी जारी रहेगी। 

वहीं, आपको बता दें, मोदी सरकार को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। इसका विरोध महाराष्ट्र से लेकर गुजरात तक हो रहा है। किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। पिछले दिनों पालघर जिले में इस प्रोजेक्ट के लिए स्थानीय समुदाय और जनजातीय लोग विरोध उतरे थे। 

एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पालघर जिले के 70 से ज्यादा आदिवासी गांवोंने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन देने से मना कर दिया। सरकार ने 508 किमी लंबे बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए 2018 के अंत तक जमीन अधिग्रहण का लक्ष्य रखा है। इस ट्रेन का करीब 110 किमी हिस्सा पालघर जिले से होकर गुजरता है, जहां आदिवासी जमीन देने को तैयार नहीं हैं। 

रेल अधिकारियों का कहना है कि सरकार किसानों को सर्किल रेट से पांच गुना दाम ऑफर कर रही है। अधिकारी आदिवासियों को मनाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। 

बुलेट ट्रेन से जुड़ी कुछ खास बातेंः-

- मुंबई और अहमदाबाद के बीच के 508 किलोमीटर के रूट पर चलेगी बुलेट ट्रेन।

- 508 किलोमीटर की दूरी बुलेट ट्रेन से सिर्फ दो घंटे सात मिनट में पूरी होगी। 

- इस रूट पर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरुच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती 12 स्टेशन बनाए जाने हैं।

- भारत के पहले बुलेट ट्रेन की औसत स्पीड 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी और यह अधिकतम 350 किलोमीटर प्रतिघंटा के स्पीड से दौड़गी।

- इस रूट पर 468 किलोमीटर लंबा ट्रैक एलिवेडेट होगा, 27 किलोमीटर सुरंग के अंदर और बाक़ी 13 किलोमीटर ज़मीन पर।

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Web Title: Bullet train project Gujarat farmers approach High Court over land acquisition

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