अवैध खनन घोटालाः सीबीआई ने हमीरपुर, फतेहपुर और बुलंदशहर में मारे छापे, डीएम आवास पर बड़ी संख्या में नोट बरामद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 10, 2019 01:12 PM2019-07-10T13:12:08+5:302019-07-10T13:12:08+5:30
छापे बुलंदशहर के जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह के निवास पर मारे गए हैं। खनन मामले में अभय कुमार सिंह भी रडार पर थे, ऐसे में सीबीआई ने अब कार्रवाई की है। बता दें कि ये मामला तबका है जब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे।
अवैध खनन घोटाले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उत्तर प्रदेश के तीन जिलों में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि छापे सुबह हमीरपुर, फतेहपुर और बुलंदशहर में शुरू हुए। उन्होंने बताया कि कार्रवाई अभी चल रही है और यह दिन भर जारी रह सकती है।
उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित खनन घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बुधवार को छापेमारी की। ये छापे बुलंदशहर के जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह के निवास पर मारे गए हैं। खनन मामले में अभय कुमार सिंह भी रडार पर थे, ऐसे में सीबीआई ने अब कार्रवाई की है। बता दें कि ये मामला तबका है जब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है। सीबीआई ने राज्य में दिए अवैध खनन ठेकों के संबंध में तीन प्राथमिकी दर्ज की थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 28 जुलाई 2016 को सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह राज्य में अवैध खनन की जांच करें, जिसके बाद उसने सात प्राथमिक जांच दर्ज की थी। इनमें से तीन हमीरपुर, शामली और कौशाम्बी जिलों से जुड़ी जांचों को प्राथमिकियों में तब्दील कर दिया गया।
Bulandshahr: Central Bureau of Investigation (CBI) conducts raids at the residence of District Magistrate (DM) Abhay Kumar Singh in connection with an illegal mining case pic.twitter.com/FKNoTozXBg
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2019
डीएम आवास पर हुई छापेमारी में बड़ी संख्या में नोट बरामद होने की जानकारी है। जिसके चलते सीबीआई टीम ने अब नोट गिनने की मशीन भी मंगाई है। सीबीआई की टीम बुलंदशहर के डीएम के घर पूरी तैयारी के साथ छापा मारने गई थी। इस दौरान 4 गाड़ियां वहां पहुंची थी, जिनमें से दो गाड़ियां जरूरी दस्तावेज़ को अपने साथ ले गई है. अभी भी दो गाड़ियां घर में हैं और पूछताछ जारी है।
अवैध खनन का मामला 2012 से 2016 के बीच का है, इस वक्त राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब खनन मंत्रालय का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही संभाल रहे थे। ऐसे में उनपर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं।
अभय सिंह, सितंबर 2013 से लेकर जून 2014 तक फतेहपुर के डीएम रह चुके हैं। अभय कुमार सिंह 2007 बैच के यूपी कैडर के IAS अधिकारी हैं। वह बुलंदशहर के अलावा फतेहपुर, रायबरेली और बहराइच के भी डीएम रह चुके हैं।
सूत्रों की मानें तो 2012 और 2016 के बीच कुल 22 टेंडर पास किए गए थे, जो विवाद में आए. इन 22 में से 14 टेंडर तब पास किए गए थे, जब खनन मंत्रालय अखिलेश यादव के पास ही था। बाकी के मामले गायत्री प्रजापति के कार्यकाल के हैं।
अब एजेंसियों का मानना है कि अखिलेश यादव और गायत्री प्रजापति के अप्रूवल के बाद ही इन्हें लीज पर दिया गया था, क्योंकि 5 लाख से ऊपर का कोई भी मसला हो, उसके लिए मुख्यमंत्री की इजाजत जरूरी है. इससे पहले जून में इसी मामले में सीबीआई ने गायत्री प्रजापति के घर पर भी छानबीन की थी।
इस मामले में सीबीआई काफी एक्टिव है और देश के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर चुकी है। जिसमें गायत्री प्रजापति के अलावा IAS अधिकारी बीएस चंद्रकला के घर पर भी छापे पड़े थे। बीएस चंद्रकला बिजनौर और मेरठ की डीएम भी रह चुकी हैं।