बजट सत्रः लोकसभा में 25 बैठकें और करीब 45 घंटे ही हुआ कामकाज, राज्यसभा में 31 घंटे काम हुआ, सिर्फ 6 विधेयक हुए पारित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 7, 2023 07:57 AM2023-04-07T07:57:56+5:302023-04-07T08:07:51+5:30

एक थिंक टैंक द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार दैनिक व्यवधान और बार-बार स्थगन के कारण संसद के बजट सत्र में निर्धारित समय से बहुत कम कामकाज हो सका।

Budget session 25 sittings in Lok Sabha and only 45 hours of work Rajya Sabha for 31 hours only 6 bills passed | बजट सत्रः लोकसभा में 25 बैठकें और करीब 45 घंटे ही हुआ कामकाज, राज्यसभा में 31 घंटे काम हुआ, सिर्फ 6 विधेयक हुए पारित

बजट सत्रः लोकसभा में 25 बैठकें और करीब 45 घंटे ही हुआ कामकाज, राज्यसभा में 31 घंटे काम हुआ, सिर्फ 6 विधेयक हुए पारित

Highlights लोकसभा में निर्धारित समय के 34.28 प्रतिशत समय में ही कामकाज हुआ वहीं राज्यसभा में 24 प्रतिशत समय में कामकाज हुआ। पूरे बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 4.32 घंटे ही प्रश्नकाल चला जबकि राज्यसभा में यह समय सिर्फ 1.85 घंटा रहा।

नयी दिल्लीः सत्रहवीं लोकसभा के ग्यारवें सत्र का गुरुवार समापन होगा। 31 जनवरी से शुरू हुआ संसद का बजट सत्र दो हिस्सों में था। इस दौरान 25 बैठकों हुईं और करीब 45 घंटे कामकाज हुआ। सत्र के दौरान सदन में आठ विधेयक पेश किए गए और छह विधेयक पारित हुए। 

 एक थिंक टैंक द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार दैनिक व्यवधान और बार-बार स्थगन के कारण संसद के बजट सत्र में निर्धारित समय से बहुत कम कामकाज हो सका। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च नामक थिंक टैंक के अनुसार, लोकसभा में 133.6 घंटे की निर्धारित अवधि के मुकाबले 45 घंटे से थोड़ा ही अधिक कामकाज हुआ जबकि राज्यसभा में 130 घंटे की निर्धारित अवधि के मुकाबले सिर्फ 31 घंटे ही कामकाज हुआ।

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च ने कहा कि इसका अर्थ है कि लोकसभा में निर्धारित समय के 34.28 प्रतिशत समय में ही कामकाज हुआ वहीं राज्यसभा में 24 प्रतिशत समय में कामकाज हुआ। दोनों सदनों में व्यवधान का असर प्रश्नकाल पर भी पड़ा और पूरे बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 4.32 घंटे ही प्रश्नकाल चला जबकि राज्यसभा में यह समय सिर्फ 1.85 घंटा रहा।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दौरान हुए कामकाज का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए लोकसभा में कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन में 13 घंटे 44 मिनट चर्चा चली जिसमें 143 सदस्यों ने भाग लिया। ओम बिरला के मुताबिक, इस सत्र में वित्त मंत्री द्वारा एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया गया। केंद्रीय बजट 2023-24 पर सामान्य चर्चा 14 घंटे 45 मिनट तक चली।

वाद-विवाद में 145 सदस्यों ने भाग लिया और वित्त मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया। केंद्र सरकार के मंत्रालयों व विभागों की वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान मांगों को सभा द्वारा 23 मार्च को स्वीकृत किया गया तथा संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया। उसके उपरांत सभा द्वारा वित्त विधेयक पारित किया गया। 

वहीं सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया। प्रश्नकाल के बाद लोक महत्व के कुल 133 मामले उठाए गए तथा नियम 377 के अधीन कुल 436 मामले लिए गए। लोकसभा की विभागों से संबद्ध स्थायी समितियों ने 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। सत्र में निदेश 73ए के अधीन 14 और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा संसदीय कामकाज के संबंध में दिए गए तीन वक्तव्य सहित 23 वक्तव्य दिए गए। सत्र के दौरान 2799 पत्र सभा पटल पर रखे गए।

भाषा इनपुट के साथ

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