क्या अंतरिम बजट नरेन्द्र मोदी के लिए अंतिम साबित होगी?
By विकास कुमार | Published: February 1, 2019 10:57 AM2019-02-01T10:57:47+5:302019-02-01T16:58:16+5:30
Modi Sarkar ka antrim budget: संसद में सवर्ण आरक्षण पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार स्लॉग ओवर के दौरान कई छक्के मारेगी. लेकिन क्या मोदी सरकार अंतिम ओवर में धुआंधार बैटिंग कर विपक्ष को चित्त कर पायेगी?
अरुण जेटली की गैरमौजूदगी में पीयूष गोयलमोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश करने जा रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार इस बजट में इतने लोकलुभावन फैसले लेने जा रही है कि इसके अंतरिम होने का कोई मकसद नहीं रह जायेगा. ऐसे पीएम मोदी ने पहले ही साफ कर दिया है कि बजट अंतरिम ही होगा. अंतरिम बजट चुनावी साल में पेश किया जाता है जिसमें सरकार 4 महीने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए और तमाम योजनाओं को फंड आवंटित करती है. इसके बाद जब नई सरकार का गठन हो जाने के बाद पूरक बजट पेश किया जाता है.
स्लॉग ओवर में नरेन्द्र मोदी का छक्का
संसद में सवर्ण आरक्षण पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार स्लॉग ओवर के दौरान कई छक्के मारेगी. उनकी इस बयान का मतलब था कि सरकार कई ब्रेकिंग घोषणाएं करने वाली हैं. किसान और नौजवान, मौजूदा वक्त के भारतीय राजनीति के सबसे हॉट टॉपिक बन चुके हैं. चुनावी साल होने के कारण और भी ज्यादा प्रासंगिक हो जाते हैं.
नरेन्द्र मोदी के फैसले राहुल गांधी ने बताए
मोदी सरकार जिन फैसलों को लागू कर सकती है, उसका अंदाजा आपको हाल के दिनों में राहुल गांधी के भाषणों में दिख जायेगा. किसान लोन माफी, यूनिवर्सल बेसिक इनकम और कई तरह के और भी लोकलुभावन वादे जिससे चुनावी साल में माहौल बनाया जा सके सरकार द्वारा घोषणा की जा सकती है.
बेरोजगारी दर
बीते दिन बिज़नेस स्टैण्डर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2017-18 में बेरोजगारी दर 45 सालों में सबसे ऊपर पहुंच गई थी, जो 6.1 प्रतिशत के आसपास था. ऐसे सरकार और नीति आयोग ने इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए खारिज कर दिया है. लेकिन जिस तरह से सरकार ने इस मुद्दे को किया उससे कुछ दाल में काला नजर आता है.
हाल ही में खबर आई थी कि मोदी सरकार ने छोटे दुकानदारों से आंकड़ा मांगा है जिन्होंने मुद्रा लोन के तहत लोन लिया है. सरकार ने कूल 13 करोड़ लोगों को मुद्रा लोन दिया है और अमित शाह से लेकर सरकार के कई मंत्री मुद्रा लोन के नाम पर ही जॉब के आंकड़ों का बचाव करते नजर आते हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि किसान, नौजवान और मोदी सरकार के वो तमाम योजनाएं क्या नरेन्द्र मोदी को दोबारा लोक कल्याण मार्ग पर पहुंचाने में मदद करेगा.
Ayushman Bharat हो सकता है गेमचेंजर
मोदी सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में उज्जवला स्कीम, स्वच्छ भारत योजना, मुद्रा लोन, सौभाग्य योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना माने जाते हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत 10 करोड़ 74 लाख लोगों को सरकार 5 लाख तक स्वास्थय बीमा दे रही है, जो महत्त्वपूर्ण होने वाला है. लेकिन पिछले बजट में सरकार ने इसके लिए मात्र 2400 करोड़ रुपये आवंटित किया था और इस बार अंदाजा है कि इस योजना के लिए 7500 करोड़ आवंटित किया जा सकता है.
6 करोड़ गैस कनेक्शन, 2.5 करोड़ आवास और 6 लाख करोड़ का मुद्रा लोन लोगों को दिया गया है लेकिन इन सबके बीच किसान और युवाओं को देखते हुए तमाम चुनौतियां भी सरकार के सामने हैं.