बजट में अटल बिहारी वाजपेयी की ‘नदी जोड़ो’ परियोजना के लिए सिर्फ एक लाख रुपये का आवंटन

By भाषा | Published: July 7, 2019 04:17 PM2019-07-07T16:17:29+5:302019-07-07T16:17:29+5:30

एनडीए सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में देश की नदियों को आपस में जोड़ने की महत्वकांक्षी योजना को जोर-शोर से आगे बढ़ाया था, लेकिन इस बार के बजट में इसके लिए काफी कम धनराशि रखी गई है।

Budget 2019: Just one lakh rupees for Atal Bihari Vajpayee's 'Nadi Jodo' Project | बजट में अटल बिहारी वाजपेयी की ‘नदी जोड़ो’ परियोजना के लिए सिर्फ एक लाख रुपये का आवंटन

बजट में अटल बिहारी वाजपेयी की ‘नदी जोड़ो’ परियोजना के लिए सिर्फ एक लाख रुपये का आवंटन

Highlightsराजग सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में देश की नदियों को आपस में जोड़ने की महत्वकांक्षी योजना को जोर-शोर से आगे बढ़ाया था इस बार के बजट में इसके लिए काफी कम धनराशि रखी गई है

नयी दिल्ली, सात जुलाईः सरकार का आम बजट भले ही 27.86 लाख करोड़ रुपये का हो, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वाकांक्षी ‘नदी जोड़ो’ परियोजना के लिए इसमें मात्र एक लाख रुपये रखे गए हैं । राजग सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में देश की नदियों को आपस में जोड़ने की महत्वकांक्षी योजना को जोर-शोर से आगे बढ़ाया था, लेकिन इस बार के बजट में इसके लिए काफी कम धनराशि रखी गई है । सामान्य बजट के ब्यय संबंधी दस्तावेज के अनुसार, नदियों को आपस में जोड़ने की योजना के मद में 2019..20 के लिए एक लाख रुपये रखे गए हैं।

गौरतलब है कि भारत में ‘नदी जोड़ो’ का विचार सर्वप्रथम 1858 में ब्रिटिश सिंचाई इंजीनियर सर आर्थर थॉमस कॉटन ने दिया था। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने नदियों को आपस में जोड़ने की दिशा में महवपूर्ण पहल की थी और इसके बाद 2014 में भाजपा नीत राजग सरकार के दौरान काम को आगे बढ़ाया गया, लेकिन अभी तक यह कार्य जमीन पर नहीं उतर पाया है। लोकसभा में नदियों को आपस में जोड़ने के विषय पर 27 जून 2019 को कौशलेन्द्र कुमार के एक प्रश्न के उत्तर में जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा था, ‘‘ नदी जोड़ो परियोजना के कार्यान्वयन में कई चरण होते हैं।

किसी परियोजना के कार्यान्वयन का चरण संबंधित राज्यों के साथ सर्वसम्मति प्राप्त होने के बाद इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार होने और वैधानिक मंजूरी के बाद पूरा होगा। इस प्रकार परियोजना के कार्यान्वयन में अलग-अलग समय लगेगा।’’ सरकार ने निचले सदन में बताया था कि अगस्त 1980 में तत्कालीन सिंचाई मंत्रालय (अब जल शक्ति मंत्रालय) ने अंतर बेसिन जल अंतरण के जरिये जल संसाधनों के विकास के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) तैयार की थी जिसका उद्देश्य जल की अधिकता वाले बेसिनों से जल की कमी वाले बेसिनों में जल अंतरण करना था ।

एनपीपी के तहत राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण ने साध्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए 30 नदियों को जोड़ने के लिये पहचान की थी जिसमें 16 प्रायद्वीपीय और 14 हिमालयी घटक वाली नदियां हैं । अंतर जल बेसिन में जल अंतरण के लिए 30 नदियों को जोड़ने की योजना की साध्यता रिपोर्ट पूरी कर ली गई है ।

इनमें प्रायद्वीपीय घटक के तहत महानदी..गोदावरी नदी जोड़, गोदावरी कृष्णा :पुलीचिंताला: नदी जोड़, गोदावरी :इंचमपल्ली:..कृष्णा :नागार्जुन सागर: नदी जोड़, गोदावरी :पोलावरम:...कृष्णा :विजयवाड़ा: नदी जोड़, कृष्णा :अलमत्ती:..पेन्नार नदी जोड़, कृष्णा :श्रीसैलम:..पेन्नार नदी जोड़, कृष्णा :नागार्जुन सागर:..पेन्नार :सोमलिसा: नदी जोड़, पेन्नार :सोमलिसा:..कावेरी :ग्रैंड एनीकट: नदी जोड़, कावेरी :कट्टालाई:..वैगेई गुन्डार नदी जोड़, केन बेतवा नदी जोड़, पार्वती कालीसिंध चंबल नदी जोड़, पार तापी नर्मदा नदी जोड़, दमन गंगा पिंजाल नदी जोड़, बेदती वर्दा नदी जोड़, नेत्रावती हेमावती नदी जोड़, पंबा अच्चनकोविल वैप्पार नदी जोड़ शामिल हैं ।

जल शक्ति मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इनमें केन बेतवा नदी जोड़ परियोजना की साध्यता रिपोर्ट के साथ प्रथम और द्वितीय चरण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार हो गई है । दमनगंगा पिंजाल नदी जोड़ परियोजना की साध्यता रिपोर्ट के साथ विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार हो गई है । नदियों को आपस में जोड़ने की योजना में हिमालयी घटक के तहत मानस सनकोस तीस्ता गंगा नदी जोड़, कोसी घाघरा नदी जोड़, यमुना राजस्थान नदी जोड़, राजस्थान साबरमती नदी जोड़, चुनार सोन बैराज नदी जोड़, सोन बांध गंगा जोड़ की दक्षिणी उपनदियों को जोड़ने, गंगा फरक्का दामोदर सुवर्णरेखा नदी जोड़, सुवर्णरेखा महानदी नदी जोड़, कोसी मेची नदी जोड़, गंगा सुंदरबन नदी जोड़, जोगीघोपा तीस्ता फरक्का नदी जोड़ योजना की साध्यता रिपोर्ट तैयार कर ली गई है ।

वहीं, गंडक गंगा नदी जोड़, घाघरा यमुना नदी जोड़, शारदा यमुना नदी जोड़ योजना के भारतीय भूभाग के तहत साध्यता रिपोर्ट तैयार की गई है । गौरतलब है कि देश में सतह पर मौजूद पानी की कुल मात्रा 690 बिलियन क्यूबिक मीटर प्रतिवर्ष है, लेकिन इसका केवल 65 फीसदी पानी ही इस्तेमाल हो पाता है। शेष पानी बेकार बहकर समुद्र में चला जाता है, लेकिन इससे धरती और महासागरों तथा ताज़ा पानी और समुद्र का पारिस्थितिकीय संतुलन बना रहता है। अगर देश की सभी 30 प्रस्तावित ‘नदी जोड़ो’ परियोजनाओं पर काम पूरा हो जाएगा तो तब इनसे 35 हजार मेगावाट बिजली पैदा की जा सकेगी और 35 मिलियन हेक्टेयर जमीन सिंचित की जायेगी। ‘नदी जोड़ो’ परियोजना के तहत पहली लिंक योजना केन बेतवा परियोजना है। इस परियोजना के बारे में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार होने और कई तरह की मंजूरी मिलने के बाद अभी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच पानी की हिस्सेदारी के विषय पर ममला अटका हुआ है । 

Web Title: Budget 2019: Just one lakh rupees for Atal Bihari Vajpayee's 'Nadi Jodo' Project

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