बजट 2019: सस्ती शिक्षा के लिए 'धन की बरसात' कर सकती है मोदी सरकार, जानें इस बार क्या होगा खास
By धीरज पाल | Published: January 24, 2019 04:35 PM2019-01-24T16:35:19+5:302019-01-24T16:35:19+5:30
साल 2018-19 के आम बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 85 हजार 10 करोड़ रुपये आवंटित की गई थी।
एक फरवरी को साल 2019-20 का संसद में पेश होने वाले अंतरिम बजट में महज आठ दिन बचे हैं। इससे पहले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली की स्वास्थ्य खराब होने की वजह से वित्त मंत्री का कार्यभार रेल मंत्री पीयूष गोयल को सौंप दिया गया है। मोदी सरकार की अगुवाई में पेश होने वाले इस अंतरिम बजट से शिक्षा क्षेत्र में काफी उम्मीदें हैं। मोदी सरकार की इन पांच सालों में शिक्षा की समस्याओं को काफी सवाल उठा भी उठे। वहीं, इस बजट में शिक्षा के लिए ऐतिहासिक बजट होने की उम्मीद जताई जा रही है।
साल 2019-20 के लिए मोदी सरकार ने आम बजट की पूरी तैयारियां कर ली हैं। हालांकि अरुण जेटली की तबीयत में खराबी की वजह से अभी यह निर्धारित नहीं हो पाया है कि 1 फरवरी को संसद में आम बजट कौन पेश करेगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि शिक्षा को लेकर मोदी सरकार क्या घोषणा कर सकती है...
बजट 2019 में आवंटन की बढ़ सकती है धनराशि
बजट विशेषज्ञों की मानें तो पिछले साल की अपेक्षा इस साल की बजट में आवंटन धनराशि बढ़ाई जा सकती है। बताया जा रहा है कि इस साल इतिहास में पहली बार शिक्षा के लिए लिए आवंटन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। इसके साथ ही सरकार कई योजनाओं का एलान कर सकती है।
उच्च शिक्षा में GST लाने की तैयारी
साल 2017 में लागू गई की गई जीएसटी (GST) व्यवस्था का प्रभाव एजुकेशन पर भी पड़ा था। इस व्यवस्था में प्री-स्कूल से हायर सेकंडरी स्कूल को जीएसटी से छूट दी थी। लेकिन उच्च शिक्षा को इसके दायरे में रखा गया था। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार शिक्षा क्षेत्र में कुछ सेवाओं में वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरों पर दोबारा विचार करने के लिए तैयारी है। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने हाल में इसकी तस्दीक की। उनका कहना है कि अगर सरकार को इसके पक्ष में मजबूत आधार मिला तो वह शिक्षा क्षेत्र में GST की समीक्षा पर विचार करेगी।
साल 2018-19 में शिक्षा में बजट के लिए क्या था
साल 2018-19 के आम बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 85 हजार 10 करोड़ रुपये आवंटित की गई थी। इसमें से 50 हजार करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा के लिए, जबकि 35,010 करोड़ रुपये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करने का प्रावधान किया गया था। इसके अलावा कई योजनाओं का एलान भी किया गया था।
इन योजनाओं का हुआ था एलान
- नवोदय विद्यालय की तर्ज पर आदिवासियों के लिए एकलव्य स्कूल खुलेंगे।
- इंस्टिट्यूट्स ऑफ एमिनेंस स्थापित करने की योजना।
- वडोदरा में रेलवे यूनिवर्सिटी स्थापित करने का प्रस्ताव।
- आईआईटी और एनआईटी में 16 नए प्लानिंग ऐंड आर्किटेक्चर स्कूल ऑटोनोमस मोड में स्थापित होंगे।
- नैशनल सोशल असिस्टेंट प्रोग्राम के तहत कई काम किए जा रहे हैं।
- शिक्षकों का भी स्तर सुधारना,13 लाख से ज्यादा शिक्षकों को ट्रेनिंग दिए जाने का लक्ष्य है।
- देशभर से एक हजार बीटेक छात्र-छात्राओं को आईआईटी में रिसर्च के लिए चुना जाएगा और इन्हें सरकार आकर्षक फेलोशिप देगी।