Budget 2019: गृह मंत्रालय को 1.19 लाख करोड़, दिल्ली पुलिस को मिले 7,496.91 Crore

By भाषा | Published: July 5, 2019 06:53 PM2019-07-05T18:53:30+5:302019-07-05T18:53:30+5:30

भारत-पाक, भारत-चीन और अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर आधारभूत ढांचे के विकास के लिये 2,129 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गए हैं। जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपुब) को 2019-20 के बजट में 23,963.66 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं जबकि 2018-19 में यह 22,646.63 करोड़ रुपये था।

Budget 2019: Home Ministry gets 1.19 lakh crore, Delhi Police gets 7,496.91 crore | Budget 2019: गृह मंत्रालय को 1.19 लाख करोड़, दिल्ली पुलिस को मिले 7,496.91 Crore

स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप के लिये इस वित्त वर्ष में 535.45 करोड़ आवंटित किये गए हैं।

Highlightsअमित शाह के नेतृत्व वाले मंत्रालय को 2018-19 में संशोधित आकलन के 1,13,167 करोड़ रुपये के मुकाबले 5.17 फीसदी अधिक आवंटन हुआ है। सीआईएसएफ, एसएसबी, असम राइफल्स और एनएसजी समेत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिये कुल आवंटन 71,713.9 करोड़ है।

केंद्रीय बजट 2019-20 में गृह मंत्रालय के लिये 1,19,025 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं, यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 5,858 करोड़ रुपये ज्यादा है।

इस दौरान खास तवज्जो पुलिस आधारभूत संरचना, सीमावर्ती इलाकों और पुलिस बल के आधुनिकीकरण पर होगी। अमित शाह के नेतृत्व वाले मंत्रालय को 2018-19 में संशोधित आकलन के 1,13,167 करोड़ रुपये के मुकाबले 5.17 फीसदी अधिक आवंटन हुआ है।

भारत-पाक, भारत-चीन और अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर आधारभूत ढांचे के विकास के लिये 2,129 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गए हैं। जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपुब) को 2019-20 के बजट में 23,963.66 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं जबकि 2018-19 में यह 22,646.63 करोड़ रुपये था।

भारत-पाक और भारत-बांग्लादेश सीमा की निगरानी करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को मौजूदा वित्त वर्ष में 19,650.74 करोड़ रुपये की रकम आवंटित की गई है जबकि 2018-19 में उसके हिस्से में 18,585.96 करोड़ रुपये आए थे।

केरिपुब, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, असम राइफल्स और एनएसजी समेत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिये कुल आवंटन 71,713.9 करोड़ है। वर्ष 2018-19 में यह 67,779.75 करोड़ रुपया था। आंतरिक खुफिया जानकारी जुटाने वाले इंटेलीजेंस ब्यूरो के लिये इस वित्त वर्ष में 2,384.1 करोड़ रुपये दिये गए हैं जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 2056.05 करोड़ रुपये था।

प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके करीबी परिजनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप के लिये इस वित्त वर्ष में 535.45 करोड़ आवंटित किये गए हैं जबकि 2018-19 में 411.68 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे।

इस बजट में बैरकों, आवासीय परिसरों, वाहनों, हथियार और गोलाबारुद की खरीद समेत पुलिस आधारभूत ढांचे के लिये 4,757 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिये 3,462 करोड़ की रकम आवंटिक की गई है। सीमावर्ती इलाकों के विकास के लिये 825 करोड़ रुपये रखे गए हैं। महिला सुरक्षा से जुड़े “निर्भया फंड” के लिये बजट में कुल 50 करोड़ रुपये की रकम रखी गई है। 

दिल्ली पुलिस को 7,496.91 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है

केंद्रीय बजट में दिल्ली पुलिस को 7,496.91 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। पिछले साल का जो संशोधित आकलन था उसमें 290 करोड़ की वृद्धि की गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यह बजट पेश किया।

पिछले साल दिल्ली पुलिस को 7,206.91 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी। दिल्ली पुलिस को आवंटित की गई कुल राशि में से 7,274.28 करोड़ रुपये उसके राजस्व खर्च के लिए और 222.63 करोड़ रुपये की राशि कार्यालयों और आवासीय इमारतों सहित ढांचों के निर्माण के आवंटित की गयी है।

फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में दिल्ली पुलिस को 7,881.77 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है जो पिछले वित्त वर्ष की अपेक्षा 6.40 फीसदी ज्यादा था। 

बजट में किफायती मकान पर जोर; आवास ऋण पर ब्याज कटौती 1.5 लाख बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये की ग

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 45 लाख रुपये मूल्य तक का अपना पहला घर खरीद खरीदने वाले व्यक्तियों को चालू वित्त वर्ष के दौरान मंजूर बैंक कर्ज पर ब्याज पर 3.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर कर में कटौती की छूट दी है। इस कदम से सस्ते आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

फिलहाल आवास रिण के सालाना दो लोख रूपए तक के ब्याज पर कर में कटौती का लाभ मिलता है। वित्त मंत्री ने कहा कि किराये के आवास को बढ़ावा देने के लिए सुधारवादी कदम उठाए जाएंगे और राज्यों के लिए किराया कानून का एक आदर्श प्रारूप तैयार कर जारी किया जाएगा।

सीतारमण ने शुक्रवार को अपने पहले बजट में कहा कि सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)-ग्रामीण के तहत अगले दो साल में 1.95 करोड़ घर बनाएगी। आयकर अधिनियम के तहत किफायती आवास की परिभाषा को जीएसटी अधिनियमों के साथ संरेखित करने के लिए, सीतारमण ने महानगर क्षेत्रों में मकान के कारपेट एरिया की सीमा 30 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 60 वर्ग मीटर और गैर महानगर क्षेत्रों में इसे 60 वर्ग मीटर से 90 वर्ग मीटर तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।

किफायती घर की कीमत 45 लाख रुपये और उससे कम तय की गई है। वित्त मंत्री ने 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले किफायती आवास की खरीद के लिए 31 मार्च , 2020 तक लिए गए बैंक कर्ज पर अदा किए गए ब्‍याज के लिए 1,50,000 रुपये तक की अतिरिक्‍त कटौती की अनुमति देने का प्रस्‍ताव रखा है। इसका अर्थ है कि किफायती मकान खरीदने वाले व्‍यक्ति को आवास कर्ज पर अब 3.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर कर-कटौती का लाभ मिलेगा।

इससे मध्‍यम वर्ग के मकान खरीदारों को 15 वर्षों की अपनी ऋण अवधि के दौरान लगभग 7 लाख रुपये का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी कार्यक्रमों के केंद्र में गांव, गरीब और किसान हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों के निर्माण की अवधि 2017-18 में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्लेटफार्म और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से घटकर 114 दिन रह गई है। 2015-16 में इस योजना के तहत घरों के निर्माण में 314 दिन लगते थे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के दूसरे चरण में 2019-20 और 2020-21 के दौरान पात्र लाभार्थियों को 1.95 करोड़ मकान दिए जाएंगे। इन घरों में बिजली, एलपीजी कनेक्शन और शौचालय उपलब्ध होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में 1.54 करोड़ घर बनाए गए हैं। सीतारमण ने कहा कि बिजली कनेक्शनों और मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर योजना ने ग्रामीण भारत में बड़ा बदलाव ला दिया है। 

संस्कृति, पर्यटन मंत्रालयों के बजट में मामूली वृद्धि

वित्त वर्ष 2019-20 के केंद्रीय बजट में पर्यटन और संस्कृति मंत्रालयों के आवंटन में क्रमश: 1.82 प्रतिशत और सात प्रतिशत की मामूली वृद्धि की गयी। पर्यटन बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए बजट में 1,378.53 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि प्रचार के लिए 575.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

केंद्रीय योजनाओं और परियोजनाओं के लिए संस्कृति मंत्रालय को 875.33 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्री ने अपने पहले बजट भाषण में कहा कि सरकार 17 प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों को विश्‍व स्‍तरीय पर्यटन स्‍थल के रूप में विकसित करेगी जो अन्‍य पर्यटन स्‍थलों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेंगे।

उन्होंने कहा कि ये प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थल सैलानियों को बेहतर अनुभव प्रदान करेंगे, जिससे इन स्‍थलों पर देशी और विदेशी दोनों पर्यटक बड़ी संख्‍या में आएंगे। वित्त वर्ष 2018-2019 के बजट में पर्यटन मंत्रालय के लिए 2,150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे जो इस बार यानी 2019-2020 में बढ़कर 2,189.22 करोड़ रुपये हो गया।

2018-2019 में संस्कृति मंत्रालय के लिए आवंटन 2,843.32 करोड़ रुपये था जो 2019-2020 में बढ़कर 3,042.35 करोड़ रूपये हो गया। वित्त मंत्री ने कहा कि 2019-20 के दौरान 100 नये क्‍लस्‍टरों की भी स्‍थापना की जाएगी ताकि 50,000 शिल्‍पकारों को आर्थिक मूल्‍य श्रृंखला में शामिल होने के लिए समर्थ बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि देश की समृद्ध आदिवासी सांस्‍कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए एक डिजिटल संग्रह बनाया गया है जिसमें आदिवासियों के दस्‍तावेजों, लोक गीतों, उनके विकास क्रम की तस्वीरों और वीडियो, उत्‍पत्ति स्‍थल, जीवनशैली, शिक्षा, पारंपरिक कला तथा अन्‍य जानकारी होती है। उन्‍होंने कहा कि इस संग्रह को और समृद्ध और सुदृढ़ बनाया जाएगा।

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