सपा-बसपा की जुदा हुई राय, जानिए- मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा
By रामदीप मिश्रा | Published: June 4, 2019 12:13 PM2019-06-04T12:13:59+5:302019-06-04T12:14:39+5:30
गठबंधन की हार को लेकर कहा है कि समाजवादी पार्टी के लोगों को खुद में सुधार लाने की आवश्यकता है और बीएसपी कैडर की तरह बीजेपी की घोर जातिवादी, सांप्रदायिक व जनविरोधी नीतियों से प्रदेश व देश के लोगों को मुक्ति दिलाने की आवश्यकता है।
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच हुए गठबंधन में दरार पड़ना शुरू हो गई हैं। मंगलवार (4 मई) को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सपा को चेतावनी दे दी है कि अगर वह अपनी पार्टी की खामियों में सुधार नहीं करते हैं तो आने वाले दिनों में बीएसपी अकेले ही आगे बढ़ेगी। आइए आपको बताते हैं मायावती के प्रेस कॉन्फ्रेंस की कुछ महत्वपूर्ण बातें...
- मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले वाले उपचुनाव में वह अकेले ही मैदान में उतरेगी। इस चुनाव में एसपी से गठबंधन नहीं रहेगा।
- उनका कहना था कि लोकसभा चुनाव के बाद कहा कि सपा का वोट बीएसपी में गया है। ये बातें सोचने पर मजबूर करती हैं। यादव समाज के लोगों ने ही समाजवादी पार्टी को वोट नहीं दिया, ऐसे में उनसे बसपा के लिए उम्मीद करना ही बेकार है।
- मायावती का कहना है कि कन्नौज में डिंपल, बदायूं में धर्मेंद यादव और फिरोजाबार में अक्षय यादव की हार हमें सोचने पर मजबूर करती है। इनकी हार का हमें भी बहुत दुख है। साफ है कि इन यादव बाहुल्य सीटों पर भी यादव समाज का वोट एसपी को नहीं मिला।
- मायावती ने तीन जून को दिल्ली में हुई समीक्षा बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि समीक्षा बैठक में पाया गया है कि जिस उद्देश्य के साथ समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया गया था उसमें सफलता नहीं मिली है।
- गठबंधन की हार को लेकर कहा है कि समाजवादी पार्टी के लोगों को खुद में सुधार लाने की आवश्यकता है और बीएसपी कैडर की तरह बीजेपी की घोर जातिवादी, सांप्रदायिक व जनविरोधी नीतियों से प्रदेश व देश के लोगों को मुक्ति दिलाने की आवश्यकता है। इसका एक मौका समाजवादी पार्टी के लोगों ने गवां दिया है। लेकिन आगे इसी हिसाब से तैयारी करने की जरूरत है।
- मायावती ने आगे कहा कि यदि मुझे लगेगा कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्यों को करने के साथ-साथ अपने लोगों को निष्ठ भी बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो जरूर आगे हम लोग साथ मिलकर चल सकते हैं। अगर वे किसी कारणवश इस काम में सफल नहीं हो पाते हैं तो हम लोगों का अकेले ही चलना बेहतक होगा। अभी ये परमानेंट ब्रेक नहीं लगा।
- मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने उन्हें बहुत इज्जत दी और उन्होंने भी उन्हें परिवार सदस्य माना है।
- उन्होंने कहा कि यह सारी बात मीडिया के सामने इस वजह से रखनी पड़ी है कि लोकसभा चुनाव के बाद कल हमने उत्तर प्रदेश की समक्षी बैठक बुलाई थी। उस बैठक को गलत तरीके से पेश किया, जिसकी वजह से आज मैंने सारी स्थिति स्पष्ट कर दी है।