BSNL ने नहीं किया 1 लाख 76 हजार कर्मचारियों के सैलरी का भुगतान, यूनियन ने मनोज सिन्हा को लिखा पत्र
By विकास कुमार | Published: March 13, 2019 03:35 PM2019-03-13T15:35:18+5:302019-03-13T15:35:18+5:30
रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसएनएल पिछले 5 सालों से घाटे में है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि इसका असर कर्मचारियों के ऊपर पड़ा है. इसके पहले कभी भी सैलरी भुगतान का संकट कंपनी के सामने नहीं आया था.
भारत सरकार द्वारा संचालित टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल द्वारा अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं देने का मामला सामने आया है. फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के 1 लाख 76 हजार कर्मचारियों को फरवरी महीने की सैलरी नहीं मिली है जिसके बाद कर्मचारी यूनियन ने मनोज सिन्हा को पत्र लिख कर फंड जारी करने का आग्रह किया है. और साथ ही कंपनी को वित्तीय संकट से निकालने के लिए मदद मांगी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसएनएल पिछले 5 सालों से घाटे में है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि इसका असर कर्मचारियों के ऊपर पड़ा है. इसके पहले कभी भी सैलरी भुगतान का संकट कंपनी के सामने नहीं आया था.
टेलिकॉम सेक्टर में बढ़ते प्रतिद्वंद्विता के कारण हाल के दिनों में कई कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है.
बीएसएनएल के कूल राजस्व का 55 प्रतिशत हिस्सा अपने क्रमचारियों को सैलरी देने में खर्च होता है, जो प्रति वर्ष 8 प्रतिशत बढ़ रहा है लेकिन राजस्व में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है.
मनीकंट्रोल वेबसाइट के मुताबिक, बीएसएनएल अपनी माली हालत को सुधारने के लिए लोन लेने पर विचार कर रही है लेकिन मंत्रालय की तरफ से इस बात की मंजूरी अभी तक नहीं मिली है.
बीएसएनएल का घाटा वित्त वर्ष 2018 में 8,000 करोड़ रुपये रहा जो कि वित वर्ष 2017 में 4,786 करोड़ रुपये था. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल भी कंपनी का घाटा अप्रत्याशित रूप से बढ़ सकता है.