मुख्यमंत्री येदियुरप्पा देंगे इस्तीफा, 26 जुलाई को आलाकमान लेगा फैसला!, सुब्रमण्यम स्वामी ने भाजपा नेतृत्व को कहा-गलती नहीं दोहराएं?
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 22, 2021 01:56 PM2021-07-22T13:56:16+5:302021-07-22T13:58:04+5:30
वीरशैव लिंगायत समुदाय और अखिल भारतीय वीरशैव महासभा ने येदियुरप्पा को समर्थन देने की घोषणा की है और उनसे मुख्यमंत्री के पद पर काम करते रहने का आग्रह किया है।
बेंगलुरुः कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को पहली बार अपने शीर्ष पद से हटने की चर्चा के बीच अपनी चुप्पी तोड़ी।
सीएम येदियुरप्पा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व जो भी फैसला करेगा, उसका वह पालन करेंगे। येदियुरप्पा ने बेंगलुरू में कहा, "आलाकमान जो भी कहेगा मैं सुनूंगा। 26 जुलाई के बाद आलाकमान के निर्देशों के अनुसार कार्य करेगा।"
78 वर्षीय नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का मेरे प्रति विशेष प्रेम और विश्वास है। आप जानते हैं कि 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोई पद नहीं दिया गया है, लेकिन मेरे काम की सराहना करते हुए उन्होंने मुझे दिया। किसी भी तरह के विरोध में शामिल नहीं होना चाहिए।
‘भाजपा मां समान है, प्रदर्शन या अनुशासनहीनता न करें’: येदियुरप्पा ने समर्थकों से कहा
मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की अटकलों के बीच समर्थन में उठ रहे स्वरों को लेकर बी एस येदियुरप्पा ने अपने समर्थकों व शुभचिंतकों से आग्रह किया है कि वे किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन या अनुशासनहीनता न करें जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को शर्मिंदगी झेलनी पड़े। मुख्यमंत्री (78) ने कहा कि उनके लिए पार्टी “मां समान” है।
उन्होंने ट्वीट किया, “मुझे गर्व है कि मैं भाजपा का वफादार कार्यकर्ता हूं। मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि मैंने उच्च आदर्शों का पालन करते हुए पार्टी की सेवा की है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि पार्टी के संस्कारों के अनुरूप आचरण करें और ऐसा कोई प्रदर्शन या अनुशासनहीनता न करें जिससे पार्टी को शर्मिंदगी झेलनी पड़े।”
I am privileged to be a loyal worker of BJP. It is my utmost honour to serve the party with highest standards of ethics & behaviour. I urge everyone to act in accordance with party ethics & not indulge in protests/indiscipline that is disrespectful & embarrassing for the party.
— B.S. Yediyurappa (@BSYBJP) July 21, 2021
उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम के परिप्रेक्ष्य में उनके पक्ष में बयान न दें और किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल न हों। उन्होंने कहा, “आपकी शुभेच्छाओं को अनुशासन की सीमा नहीं लांघनी चाहिए। पार्टी मेरे लिए मां के समान है और इसके अपमान से मुझे कष्ट होगा। मुझे लगता है कि मेरे सच्चे शुभचिंतक मेरी भावनाओं को समझेंगे।”
मठों, संतों तथा नेताओं का अपार समर्थन
येदियुरप्पा के पद से हटने की अटकलों के बीच उन्हें मठों, संतों तथा नेताओं का अपार समर्थन मिल रहा है। वीरशैव लिंगायत समुदाय और अखिल भारतीय वीरशैव महासभा ने येदियुरप्पा को समर्थन देने की घोषणा की है और उनसे मुख्यमंत्री के पद पर काम करते रहने का आग्रह किया है।
इसके अलावा समुदाय के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर येदियुरप्पा को हटाया गया तो भाजपा को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। सांसद जी एम सिद्धेश्वर और पूर्व विधायक बी सुरेश गौड़ा ने येदियुरप्पा को समर्थन देने वाला बयान दिया है। उन्होंने विश्वास जताया है कि वह मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे क्योंकि पार्टी आलाकमान ने उन्हें पद छोड़ने को नहीं कहा है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने भाजपा नेतृत्व को येदियुरप्पा को हटाने के खिलाफ आगाह किया
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने बी एस येदियुरप्पा को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से हटाने के खिलाफ पार्टी नेतृत्व को आगाह किया। राज्यसभा सदस्य स्वामी ने ट्वीट किया, ‘‘येदियुरप्पा ही थे जो सबसे पहले कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में लाये थे। कुछ ने उन्हें हटाने की साजिश रची क्योंकि वह 'चमचा' नहीं हो सकते हैं।
It was Yeddiruppa who first brought BJP to power in Karnataka. Some conspired to remove him since he would not be a chamcha. Without Him BJP could not return power in the State. Only upon his return to BJP could the party win again. Why repeat the same mistake?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 21, 2021
उनके बिना, पार्टी राज्य में सत्ता में नहीं लौट सकती। केवल उनके भाजपा में लौटने पर पार्टी फिर से जीती। वही गलती क्यों दोहराएं?’’ लिंगायत नेता येदियुरप्पा को सुब्रमण्यम स्वामी का समर्थन मिला है। वहीं लिंगायत मठों के कई संतों ने भी मुख्यमंत्री को पद से हटाने की अटकलों के बीच उनका समर्थन करना शुरू कर दिया है। नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें कुछ समय से चल रही हैं और इसे पिछले हफ्ते येदियुरप्पा के दिल्ली दौरे के बाद और बल मिला था। येदियुरप्पा ने हालांकि इन अटकलों को निराधार बताते हुए उन्हें सिरे से खारिज कर दिया है।