ब्रिक्स शिखर सम्मेलनः नई ऊर्जा और नई दिशा में मिलकर काम करेंगे भारत-चीन, व्यापार- निवेश पर फोकस
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 14, 2019 02:17 PM2019-11-14T14:17:53+5:302019-11-14T14:17:53+5:30
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत सार्थक रही। दोनों के बीच व्यापार और निवेश समेत अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत की व द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती और नई ताकत देने के लिए दोनों शीर्ष नेताओं ने व्यापार और निवेश से जुड़े मामलों पर गहन संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री ने 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से अलग एक बैठक में बुधवार को कहा कि चेन्नई में अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद द्विपक्षीय संबंधों को "नई ऊर्जा और नई दिशा" मिली है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत सार्थक रही। दोनों के बीच व्यापार और निवेश समेत अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई।"
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा कि मोदी-चिनपिंग ने बहुपक्षीय भारत-चीन संबंध के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोनों शीर्ष नेता व्यापार और निवेश से संबंधित मामलों पर करीबी संवाद बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।
MEA: President Xi Jinping conveyed his deep appreciation to PM Narendra Modi for hosting him at the 2nd Informal Summit in Chennai. He invited PM for the 3rd informal summit in China in 2020, date & venue for which will be determined through diplomatic channels. #BRICS2019https://t.co/Az1Mwc0a04
— ANI (@ANI) November 13, 2019
इसके अलावा, व्यापार और अर्थव्यवस्था पर एक नई उच्चस्तरीय व्यवस्था पर भी दोनों राजी हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने चिनफिंग से कहा, "मैं आपसे एक बार फिर मिलकर खुश हूं। जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो हम पहली बार ब्राजील में ही मिले थे... और हमारी यात्रा शुरू हुई थी। अनजान लोगों की यह यात्रा आज करीबी दोस्ती में बदल गई है। इसके बाद, हम कई मंचों, द्विपक्षीय कार्यक्रमों में मिले हैं।
आप मेरे गृह राज्य गए, आप बीजिंग के बाहर वुहान में मेरी अगवानी करने आए... यह इतनी महत्वपूर्ण बातें हैं जो कि पांच सालों के भीतर हुईं.... इतने भरोसे के और मैत्रीपूर्ण संबंध बन गए हैं।" मोदी ने कहा, "जैसा ही आपने कहा और मेरा मानना है कि चेन्नई में हमारी मुलाकात ने इस यात्रा को नई दिशा और नई ऊर्जा दी है। बिना किसी एजेंडे के हमने वैश्विक परिस्थितियों समेत अन्य मुद्दों पर बातचीत की।"
#WATCH Prime Minister Narendra Modi says, "When we met in Chennai, it gave our journey a new energy", during bilateral meeting with President of China, Xi Jinping, on the sidelines of #BRICS2019 Summit, in Brasilia, Brazil. pic.twitter.com/qp6nDZUJGt
— ANI (@ANI) November 13, 2019
दोनों नेताओं के बीच 11-12 अक्टूबर को चेन्नई के समीप मामल्लापुरम में दूसरा अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ था। उस दौरान दोनों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी और आतंकवाद, कट्टरपंथ से संयुक्त रूप से लड़ने, द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश को बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई थी।
राष्ट्रपति जिनपिंग ने शंघाई में हुए चीन आयात निर्यात एक्सपो में भारत की पर्याप्त भागीदारी के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। शी ने चेन्नई में दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में उनकी मेजबानी के लिए मोदी की प्रशंसा की और कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी और भारतीयों की आवभगत को नहीं भूलेंगे।
MEA: PM Modi & Pres Jinping noted that Special Representatives will have another meeting on matters relating to Boundry Question & reiterated importance of maintaining peace & security in border areas. They also exchanged views on multilateral issues including WTO, BRICS & RCEP. https://t.co/Az1Mwc0a04pic.twitter.com/eNJdohDNte
— ANI (@ANI) November 13, 2019
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को 2020 में चीन में तीसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है। इसके लिए तारीख और जगह का निर्धारण राजनयिक माध्यमों से किया जाएगा। दोनों नेताओं ने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा और शांति बनाए रखने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
दोनों ने डब्ल्यूटीओ, ब्रिक्स और क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (आरसीईपी) समेत अन्य बहुपक्षीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। मोदी-चिनफिंग के बीच यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब कुछ दिन पहले भारत ने चीन समर्थित आरसीईपी समझौते से यह कहते हुए किनारा कर लिया था कि प्रस्तावित समझौते का भारत और भारतीयों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।