ब्रह्मकुमारी संस्थान की प्रशासक राजयोगिनी दादी जानकी के निधन पर पीएम मोदी ने व्यक्त की संवेदना, ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
By भाषा | Published: March 27, 2020 01:32 PM2020-03-27T13:32:58+5:302020-03-27T13:32:58+5:30
बयान के मुताबिक, 'महिलाशक्ति की प्रेरणास्त्रोत राजयोगिनी दादी जानकी का जन्म एक जनवरी 1916 को पाकिस्तान के हैदराबाद के सिंध प्रांत में हुआ था। 21 वर्ष की आयु में उन्होंने अध्यात्म का रास्ता चुना। 1970 में वह भारतीय दर्शन, राज योग और मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए पश्चिमी देशों में चली गईं। उन्होंने 140 देशों में 140 सेवा केंद्र स्थापित किए।'
जयपुर: आध्यात्मिक संस्थान ब्रह्मकुमारी (Brahma Kumari) की प्रशासक राजयोगिनी दादी जानकी (Rajyogini Dadi Janki) का लंबी बीमारी के बाद 104 वर्ष की आयु में निधन हो गया। संस्थान की ओर से शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दादी जानकी का निधन माउंट आबू के एक अस्पताल में गुरुवार देर रात दो बजे हुआ। वह पिछले दो महीने से श्वास और पेट संबंधी बीमारियों से पीड़ित थीं। दादी का अंतिम संस्कार ब्रह्मकुमारी संस्थान के मुख्यालय स्थित शांति वन परिसर में शुक्रवार को किया जायेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की है। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, 'ब्रह्मकुमारी की प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी जी, ने समाज की सेवा पूरी लगन के साथ की है। उन्होंने दूसरों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने का प्रयास किया। महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में उनके प्रयास उल्लेखनीय थे। इस दुख की घड़ी में मेरे विचार उनके अनगिनत अनुयायियों के साथ हैं। ओम शांति।'
Rajyogini Dadi Janki Ji, Chief of the Brahma Kumaris, served society with diligence. She toiled to bring a positive difference in the lives of others. Her efforts towards empowering women were noteworthy. My thoughts are with her countless followers in this sad hour. Om Shanti. pic.twitter.com/nCUwyh58f8
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2020
बयान के मुताबिक, 'महिलाशक्ति की प्रेरणास्त्रोत राजयोगिनी दादी जानकी का जन्म एक जनवरी 1916 को पाकिस्तान के हैदराबाद के सिंध प्रांत में हुआ था। 21 वर्ष की आयु में उन्होंने अध्यात्म का रास्ता चुना। 1970 में वह भारतीय दर्शन, राज योग और मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए पश्चिमी देशों में चली गईं। उन्होंने 140 देशों में 140 सेवा केंद्र स्थापित किए।'
इसमें कहा गया कि उन्हें स्वच्छता बनाए रखने के क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए सरकार द्वारा ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया था। बयान के मुताबिक 46,000 महिलाओं सहित लगभग 20 लाख लोग ब्रह्मकुमारी संस्थान से जुड़े हैं। विश्व में स्थापित 8000 सेवा कें पर मुख्य प्रशासक महिलाएं हैं।