BPSC exam row: पिछले 15 दिनों में पीके की मानसिक स्थिति कमजोर, जांच जरूरी?, सत्याग्रह आंदोलन पर बैठे जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर मंगल पांडेय बोले
By एस पी सिन्हा | Published: January 17, 2025 05:11 PM2025-01-17T17:11:43+5:302025-01-17T17:12:39+5:30
BPSC exam row: स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते यह कह रहा हूं कि प्रशांत किशोर नारा लिखने वाले आदमी हैं और मैं खुद गवाह हूं कि वह नारा लिखते थे।

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पटनाः पटना के मरीन ड्राइव पर सत्याग्रह आंदोलन पर बैठे जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वह प्रशांत किशोर का इलाज कराएंगे। पिछले 15 दिनों में पीके की मानसिक स्थिति में जो कमजोरी आई है और उसकी जांच करना बहुत जरूरी है। मंगल पांडेय ने कहा कि वह खुद पीके को कोईलवर लेकर जाएंगे और उनका मानसिक आरोग्यशाला में इलाज कराएंगे। वहीं, प्रशांत किशोर के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाने पर मंगल पांडेय ने कहा कि प्रशांत किशोर को पिछले कुछ दिनों में मालूम चल ही गया है कि उनकी प्रतिष्ठा अब समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते यह कह रहा हूं कि प्रशांत किशोर नारा लिखने वाले आदमी हैं और मैं खुद गवाह हूं कि वह नारा लिखते थे।
स्लोगन लिखने वाला आदमी नौटंकी करके अगर नेता बनना चाहता है तो इसे बिहार की जनता तो स्वीकार नहीं करेगी। मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के रूप में यह कहना चाहता हूं कि एक पढ़ा लिखा व्यक्ति अगर इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहा है तो वह मानसिक रूप से कमजोर हुआ है। जो मानसिक रूप से कमजोर होता है, उसे मानसिक आरोग्यशाला में इलाज की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि मैं उन्हें आमंत्रित करता हूं, वह आए मेरे पास आएं मैं उन्हें कोईलवर आरोग्यशाला भेजूंगा। वहां बहुत अच्छा हमारा मानसिक अस्पताल है। मंगल पांडेय ने कहा कि प्रशांत किशोर ने जो उपवास का नाटक किया, ऐसा लगता है कि इस कुछ दिनों में उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति कमजोर हुई है।
इस 15 दिनों में उनकी मानसिक स्थिति में जो कमजोरी आई है, उसकी जांच करना बहुत जरूरी है। मैं स्वयं उनको लेकर जाऊंगा कोईलवर अस्पताल और इलाज करवाऊंगा। दरअसल, 70 वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने वाले प्रशांत किशोर पिछले 15 दिनों से आमरण अनशन कर रहे थे।
इस दौरान गांधी मैदान में वह कुछ दिनों तक अनशन पर बैठे, इसके बाद जिला प्रशासन ने उन्हें वहां से हटा दिया। अब वह गंगा नदी के किनारे टेंट लगाकर सत्याग्रह कर रहे हैं। टेंट हाउस का नाम भी सत्याग्रह आश्रम रखा गया है। ऐसे में सियासी विरोधियों का कहना है कि प्रशांत किशोर को खुद पता नहीं है कि वह करना क्या चाहते हैं? विपक्षी दलों से लेकर सत्ताधारी दलों के नेता पीके के इस पब्लिसिटी स्टंट पर हमला बोल रहे हैं।