सोशल मीडिया पर भले ही चीनी सामान का बहिष्कार छाया है, पर बिक्री पर अभी असर नहीं

By भाषा | Published: June 19, 2020 03:14 AM2020-06-19T03:14:23+5:302020-06-19T03:14:23+5:30

सोशल मीडिया पर चीनी सामान को बायकॉट करने का ट्रेंड पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में सोमवार रात (15 जून) को भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद ज्यादा जोर पकड़ा है।

Boycott of Chinese goods is a shadow on social media, the sale is not affected yet | सोशल मीडिया पर भले ही चीनी सामान का बहिष्कार छाया है, पर बिक्री पर अभी असर नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsचीनी कंपनियों के शीर्ष कार्यकारियों का कहना है कि अभी उनकी बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है। एक स्मार्टफोन कंपनी के अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से लोग घर से काम कर रहे हैं और घर पर ही पढ़ाई कर रहे हैं जिससे मोबाइल फोन की मांग बढ़ी है।

नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी है। ऐसे में देश में चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मांग लगातार उठ रही है। सोशल मीडिया पर चीन के उत्पादों का बहिष्कार ट्रेंड कर रहा है लकिन इसका शियोमी, रियलमी और हायर जैसी कंपनियों के स्मार्टफोन और टिकाऊ उपभोक्ता सामान की बिक्री पर कोई असर नहीं दिखा है। हालांकि, कंपनियों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया है लेकिन इन कंपनियों के शीर्ष कार्यकारियों का कहना है कि अभी उनकी बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है।

एक स्मार्टफोन कंपनी के अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से लोग घर से काम कर रहे हैं और घर पर ही पढ़ाई कर रहे हैं जिससे मोबाइल फोन की मांग बढ़ी है। अधिकारी ने कहा कि कई कंपनियों को बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए महंगा आयात करना पड़ा है। एक और चीनी कंपनी के कार्यकारी ने कहा कि हमारी घटनाक्रम पर नजदीकी नजर है। जमीनी स्तर के साथ ही सोशल मीडिया पर भी हमारी पूरी निगाह है।

ट्विटर पर ‘बायकॉट चाइना’, ‘गो चाइना’, ‘गो चाइनीज गो’ ट्रेंड कर रहा है

ट्विटर पर ‘बायकॉट चाइना’, ‘गो चाइना’, ‘गो चाइनीज गो’ ट्रेंड कर रहा है। लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं। इससे देश में चीन के खिलाफ माहौल बन गया है। उद्योग संगठन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायेंस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सिएमा) ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों से सोशल मीडिया मंचों और अन्य माध्यमों से चीन के उत्पादों के बहिष्कार का माहौल बनाया जा रहा है। इसका असर उपभोक्ता के खरीद व्यवहार में देखने को मिल सकता है। सिएमा के अध्यम कमल नंदी ने कहा कि उपभोक्ताओं को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों से इस बारे में संदेश मिल रहे है और वे इस पर निर्णय ले रहे हैं।

हम भारत में उत्पादन बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं-आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू

इस तरह की भावनाओं का अंत में उपभोक्ता की खरीदरी के तरीके पर असर पड़ सकता है। ऐसा होना स्वाभाविक है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि यह बात छुपी हुई नहीं कि भारत की आपूर्ति श्रृंखला के एक बड़े हिस्से की जड़ें चीन में हैं। महेंद्रू ने कहा कि पिछले कुछ साल के दौरान आत्म-निर्भरता बढ़ाने के प्रयास किए गए है। ‘‘हमें मजबूत क्षमता बनाने पर ध्यान देना होगा। विरोध का कोई असर नहीं होता। हम भारत में उत्पादन बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। अब हम इंडियन चैंपियंस को प्रोत्साहन दे रहे हैं।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि 2025 तक भारत में मोबाइल फोन और कलपुर्जा क्षेत्र में मजबूत भारतीय कंपनियां होंगी। 

Web Title: Boycott of Chinese goods is a shadow on social media, the sale is not affected yet

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