अदालत में पेश होने पर सभी पुलिस अधिकारियों को वर्दी में आना होगा, बंबई उच्च न्यायालय ने कहा-जींस और सलवार-कमीज से बचिए
By भाषा | Published: December 7, 2022 09:46 PM2022-12-07T21:46:53+5:302022-12-07T21:48:47+5:30
अधिवक्ता सुभाष झा ने न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति पी डी नाइक की खंड पीठ के समक्ष दलील दी कि अदालत आने वाले पुलिस अधिकारी अदालत के शिष्टाचार का पालन नहीं करते और सामान्य परिधान में पेश होते हैं।
मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि अदालत में पेश होने के लिए सभी पुलिस अधिकारियों को वर्दी में आना होगा। अदालत का यह निर्देश महिला पुलिसकर्मियों के सामान्य परिधान में अदालत में पेश होने का एक अधिवक्ता द्वारा उल्लेख किये जाने पर आया है।
अधिवक्ता सुभाष झा ने न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति पी डी नाइक की खंड पीठ के समक्ष दलील दी कि अदालत आने वाले पुलिस अधिकारी अदालत के शिष्टाचार का पालन नहीं करते और सामान्य परिधान में पेश होते हैं। उन्होंने एक महिला पुलिस अधिकारी का जिक्र किया, जो इस विषय में पेश हुई थी और सलवार-कमीज पहने हुई थी।
उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं अदालत के शिष्टाचार का पुलिस अधिकारियों द्वारा पालन नहीं करने और अदालत में जींस जैसे वस्त्र पहन कर पेश होने का मुद्दा उठाना चाहता हूं।’’ इसपर, न्यायमूर्ति गडकरी ने कहा कि एक सरकारी वकील उपस्थित अधिकारियों के परिधान जैसी चीजों पर गौर करेंगी।
इसके बाद, अतिरिक्त सरकारी अभियोजक संगीता शिंदे ने अदालत को सूचित किया कि जिस अधिकारी का झा संदर्भ दे रहे हैं, वह नगर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में हैं और उनके लिए वर्दी पहनना अनिवार्य नहीं है। इस पर, न्यायमूर्ति गडकरी ने कहा कि सभी पुलिस अधिकारियों से यह उम्मीद की जाती है कि वे अदालत में पेश होने के लिए वर्दी में आएं। भाषा सुभाष पवनेश पवनेश