बॉम्बे हाई कोर्ट ने यूपी पावर कॉरपोरेशन प्रोविडेंट फंड मामले में कपिल व धीरज वधावनकी जमानत याचिका खारिज की
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 12, 2020 01:45 PM2020-05-12T13:45:11+5:302020-05-12T13:46:12+5:30
वधावन भाई यस बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राणा कपूर के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने यूपी पावर कॉरपोरेशन प्रोविडेंट फंड मामले में व्यवसायियों कपिल वधावन और धीरज वाधवान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। वे सीबीआई के यस बैंक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। इससे पहले येस बैंक मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने कपिल वधावन व धीरज वधावन को 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेजा था। उनके द्वारा दायर जमानत याचिका पर 13 मई को सुनवाई होगी।
बता दें कि वधावन भाई यस बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राणा कपूर के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी हैं। अधिकारियों ने बताया कि अदालत ने इससे पहले कपिल और आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के प्रवर्तक, उनके भाई धीरज को मामले में पूछताछ के लिए एक मई तक सीबीआई की हिरासत में भेजा था। उनकी हिरासत की पूर्व अवधि खत्म होने के बाद दोनों को यहां की विशेष अदालत में शुक्रवार को पेश किया गया।
Bombay High Court rejects anticipatory bail plea of businessmen Kapil Wadhawan and Dheeraj Wadhwan in UP Power Corporation Provident Fund case. They are in judicial custody in Yes Bank case of CBI. pic.twitter.com/3WOhY85NFH
— ANI (@ANI) May 12, 2020
इस मामले में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने 26 अप्रैल को कहा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने घोटाले के आरोपियों डीएचएफएल के प्रवर्तकों कपिल और धीरज वाधवान को हिरासत में ले लिया है और स्थानीय पुलिस ने केंद्रीय जांच एजेंसी को पूरा सहयोग दिया।
दोनों ही धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत वित्तीय अनियमितताओं के आरोपी हैं और 21 फरवरी से जमानत पर बाहर थे। इस माह के प्रारंभ में जब वे लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए मुम्बई से महाबलेश्वर जा रहे थे, तब उन्हें पकड़ लिया गया था।
मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ सीबीआई की एक टीम ने कपिल और धीरज वाधवान दोनों को हिरासत में ले लिया है। सतारा पुलिस ने उन्हें जरूरी सहायता पहुंचाई और लिखित अनुरोध पर उन्हें मुम्बई तक के लिए 1+3 गार्ड का एस्कार्ट वाहन भी उपलब्ध कराया। गिरफ्तारी की प्रक्रिया चल रही है और कानून सभी के लिए बराबर है।’’
सतारा में इन दोनों आरोंपियों की पृथक-वास अवधि पूरी हो जाने के बाद देशमुख ने सीबीआई से उन्हें हिरासत में लेने का अनुरोध किया था।