बम्बई हाई कोर्ट का आदेश, लोनार झील के विकास के लिए उसका संरक्षण जरूरी

By भाषा | Published: July 23, 2020 03:17 PM2020-07-23T15:17:48+5:302020-07-23T15:17:48+5:30

बम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने कहा कि लोनार झील के विकास के लिए संरक्षण जरूरी है। इस झील के पानी का रंग हाल ही में गुलाबी हो गया।

Bombay High Court order Lonar lake conservation necessary | बम्बई हाई कोर्ट का आदेश, लोनार झील के विकास के लिए उसका संरक्षण जरूरी

बम्बई हाई कोर्ट का आदेश, लोनार झील के विकास के लिए उसका संरक्षण जरूरी

Highlightsबम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने कहा कि लोनार झील के विकास की अवधारणा में इसका संरक्षण भी शामिल है। अदालत ने इसके जीव विज्ञान, भूविज्ञान और सौंदर्य मूल्य को समझने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

नागपुर: बम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने कहा कि लोनार झील के विकास की अवधारणा में इसका संरक्षण भी शामिल है। अदालत ने इसके जीव विज्ञान, भूविज्ञान और सौंदर्य मूल्य को समझने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इस झील के पानी का रंग हाल ही में गुलाबी हो गया।

न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति अनिल किलोर की खंडपीठ ने बुधवार को कीर्ति निपांकर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिन्होंने झील के पानी के रंग में बदलाव पर चिंता जताई।

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में लगभग 50,000 साल पहले एक उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने के बाद बनी अंडाकार लोनार झील एक लोकप्रिय पर्यटन केंद्र है। झील के पानी का रंग हाल ही में गुलाबी हो गया, जिसने न केवल स्थानीय लोगों, बल्कि प्रकृति के प्रति लगाव रखने वाले दूसरे लोगों और वैज्ञानिकों को भी आश्चर्यचकित कर दिया।

इस मुद्दे को देखने के लिए अदालत द्वारा गठित समिति के सदस्य अधिवक्ता सी एस कप्तान ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने लोनार झील और इसके आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम को लगभग 91 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

कप्टन ने बताया कि यह फंड उपलब्ध हैं, लेकिन उनका उचित उपयोग नहीं हो रहा है। अदालत ने तब कहा कि लोनार झील के विकास की अवधारणा में झील के संरक्षण और परिरक्षण का मुख्य मुद्दा शामिल है। अदालत ने कहा कि यदि झील को संरक्षित किया जाता है, तो ही इसके विकास को एक मायने मिल सकेगा।

अदालत ने कप्तान और याचिकाकर्ताओं के वकील आनंद परचुरे द्वारा एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के सुझाव को स्वीकार कर लिया जो इन सभी एजेंसियों के लिए एक प्राधिकरण के रूप में कार्य करेगा।

पीठ ने कहा कि झील से संबंधित सभी प्रस्ताव नोडल अधिकारी को भेजे जाएंगे। अदालत ने बुलढाणा के कलेक्टर को झील के आसपास के क्षेत्र में खुले में शौच को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का भी निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवायी 19 अगस्त को निर्धारित किया। 

Web Title: Bombay High Court order Lonar lake conservation necessary

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