मुंबई हाईकोर्ट ने 14,000 करोड़ रुपये की मुंबई तटीय सड़क परियोजना के लिये दी गयी CRZ मंजूरी को रद्द किया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 16, 2019 12:22 PM2019-07-16T12:22:28+5:302019-07-16T12:22:28+5:30
मुंबई तटीय सड़क परियोजना की मंजूरी को रद्द करने के लिए सरकारी संगठनों और स्थानीय निवासियों द्वारा याचिका दायर की गई थी।
मुंबई हाईकोर्ट ने 14,000 करोड़ रुपये की मुंबई तटीय सड़क परियोजना के लिये दी गयी तटीय विनियमन क्षेत्र (कोस्टल रेगुलेशन जोन- CRZ) मंजूरी को रद्द किया। यह आदेश कुछ गैर सरकारी संगठनों (NGO) और स्थानीय निवासियों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर आया है।
Bombay High Court has cancelled the Coastal Regulation Zone (CRZ) clearance given for coastal road project in Mumbai. The order came on multiple petitions filed by few NGOs and local residents. pic.twitter.com/jYFzNZbIQZ
— ANI (@ANI) July 16, 2019
क्या है पूरा मामला-
तटीय सड़क परियोजना के तहत दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके को उत्तर मुंबई में बोरीवली से जोड़ने का प्रस्ताव है। न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति एन एम जामदार की खंडपीठ ने परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 17 जून से सुनवाई शुरू किया था। कार्यकर्ताओं एवं इलाके के निवासियों तथा शहर के मछुआरों ने इस परियोजना के खिलाफ याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट ने अप्रैल में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को परियोजना पर आगे काम करने से रोक दिया था, जिसके बाद नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मई महीने में निगम को मौजूदा काम को जारी रखने की अनुमति देते हुए उसे कोई नया काम शुरू करने से रोक दिया था। शीर्ष अदालत ने अंतिम सुनवाई के लिये इस संबंध में हाईकोर्ट को याचिकाओं पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ताओं ने किसी तरह के सुधार और परियोजना के लिये निर्माण कार्य को इस प्राथमिक आधार पर चुनौती दी थी कि यह समुद्र तट के लिये नुकसानदायक होगा और इससे तटों के आस-पास रहने वाले समुद्री जीवन तथा मछुआरों की आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि परियोजना से तटीय पारिस्थितिकीतंत्र को क्षति पहुंचेगी और इसकी वजह से मछुआरा समुदाय अपने आजीविका के स्रोत से वंचित हो जायेगा।
बीएमसी ने उस दौरान हाईकोर्ट को बताया था कि परियोजना के लिये उसके पास सभी आवश्यक अनुमति हैं। बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने दलील दी थी कि तटीय सड़क परियोजना मुंबई में यातायात जाम की समस्या के मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करती है।
(एजेंसी इनपुट)