दरभंगा रेलवे स्टेशन पर बम धमाकाः पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ?, एनआइए कर सकती हैं जांच

By एस पी सिन्हा | Published: June 23, 2021 09:03 PM2021-06-23T21:03:36+5:302021-06-23T21:05:14+5:30

तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन से एक पार्सल ट्रेन से दरभंगा भेजा गया था. 17 जून को जब पार्सल उतारा जा रहा था, तभी प्लेटफॉर्म पर कम क्षमता का एक धमाका हुआ.

Bomb blast Darbhanga railway station Pakistan's intelligence agency ISI's hand NIA can investigate | दरभंगा रेलवे स्टेशन पर बम धमाकाः पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ?, एनआइए कर सकती हैं जांच

एटीएस की टीम अब यह पता लगा रही है कि क्या दोनों सुफियान एक ही हैं या अलग.

Highlightsजांच में एटीएस और एफएसएल को लगाया गया. पार्सल में कपड़ों के अलावा एक शीशी थी, जिसमें कुछ केमिकल होने की बात सामने आई है.पार्सल बुक कराने वाले सुफियान का संबंध जम्मू की जेल में बंद मोहम्मद जावेद से हो सकता है.

पटनाःबिहार के दरभंगा स्टेशन पर हुए बम धमाके के तार अब आतंकी संगठनों से जुडे़ होने की तरफ इशारा कर रहे हैं.

ऐसे में अब इस मामले की जांच एनआइए कर सकती है. एटीएस की जांच में तेलंगाना, यूपी के बाद कश्मीर और पाकिस्तान से कनेक्शन होने की बात सामने आ रही है. कारण की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसमें नई जानकारी सामने आ रही है. अब तक की जांच में धमाके के पीछे बड़ी आतंकी साजिश और इसके तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुडे़ होने के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं.

जांच एनआईए को सौंपे जाने की संभावना

ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बडी साजिश की आशंका को देखते हुए अब दरभंगा में हुए बम धमाके की जांच एनआईए कर सकती है. जल्द ही इस मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने की संभावना है. इस साजिश में शामिल संदिग्धों के बिहार, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश से होने की वजह से जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी जा सकती है.

सूत्रों के अनुसार, कई राज्यों ने इस पार्सल विस्फोट के जुडे़ होने के कारण इसकी जांच एनआइए करेगी. हालांकि, आधिकारिक तौर पर जांच एजेंसी कुछ नहीं कह रही है, लेकिन पार्सल विस्फोट की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन से एक पार्सल ट्रेन से दरभंगा भेजा गया था. 17 जून को जब पार्सल उतारा जा रहा था, तभी प्लेटफॉर्म पर कम क्षमता का एक धमाका हुआ.

सुफियान का संबंध जम्मू की जेल में बंद मोहम्मद जावेद से

धमाके की वजह किसी को समझ में नहीं आई. जीआरपी के बाद इसकी जांच में एटीएस और एफएसएल को लगाया गया. पार्सल में कपड़ों के अलावा एक शीशी थी, जिसमें कुछ केमिकल होने की बात सामने आई है. सूत्रों की मानें तो पार्सल बुक कराने वाले सुफियान का संबंध जम्मू की जेल में बंद मोहम्मद जावेद से हो सकता है.

जावेद सारण जिले के मढ़ौरा का रहने वाला है और उसपर आतंकियों को हथियार सप्लाई करने का आरोप है. एटीएस सूत्रों की मानें तो पार्सल विस्फोट की जांच झारखंड के चतरा से भी जुड़ रही है. जहां सुफियान नाम के एक और संदिग्ध की पुलिस पिछले चार सालों से तलाश कर रही है. एटीएस की टीम अब यह पता लगा रही है कि क्या दोनों सुफियान एक ही हैं या अलग.

फुटेज से जांच टीम ने आधा दर्जन संदिग्धों को चिह्नित किया

यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि चतरा के सुफियान के आतंकी ट्रेनिंग लेने की बात कही जाती रही है. हालांकि, जांच दल में शामिल अधिकारी इन दोनों बातों पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. फिलहाल अभी तक तेलंगाना के सिकंदराबाद व यूपी के शामली में अब तक चार संदिग्धों से पूछताछ की गई है. सूत्रों के अनुसार सिकंदराबाद में सीसीटीवी के फुटेज से जांच टीम ने आधा दर्जन संदिग्धों को चिह्नित किया है.

पार्सल की आड़ में केमिकल को दरभंगा भेजना था

शीशी में कौन सा केमिकल था और उसका इस्तेमाल किन चीज में हो सकता है? इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है. शीशी और उससे लिए गए नमूने को जांच के लिए एफएसएल हैदराबाद भेजा गया है. साजिशकर्ताओं का मकसद पार्सल की आड़ में केमिकल को दरभंगा भेजना था.

आशंका जताई जा रही है कि उस केमिकल के जरिए किसी बडी वारदात को अंजाम देना था, पर पार्सल में धमाका होने के चलते साजिश धरी की धरी रह गई. सूत्रों के मुताबिक अभी तक चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. यह कार्रवाई देश के अलग-अलग हिस्सों में की गई है. सूत्रों ने बताया पार्सल भेजने वाले का नाम-पता तेलंगाना के सिकंदराबाद निवासी सूफियान लिखा था.

एटीएस अभी इस व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाई

उसका मोबाइल नंबर जांच में उत्तर प्रदेश के शामली जिले का मिला है. इसी नंबर की जांच करने उप्र एटीएस की टीम सोमवार से शामली में डेरा डाले हुए है. एटीएस से जुडे़ सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने इस मोबाइल नंबर का आईडी प्रूफ निकलवाया है, जिस पर शामली का नाम-पता दर्ज है. हालांकि एटीएस अभी इस व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाई है.

मोबाइल नंबर की सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) भी निकलवाई गई है. सीडीआर में कुछ विदेशी नंबर मिले हैं, जिन पर लगातार बातचीत हो रही थी. ऐसे में पार्सल से लेकर ब्लास्ट तक का मामला संदेह के घेरे में है. फिलहाल इस मामले में यूपी एटीएस की टीम गहनता से पड़ताल में जुटी हुई है. माना जा रहा है कि एक-दो दिन में अहम सुराग एटीएस को मिल सकते हैं.

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