‘सिर फोड़ने’ वाले आईएएस आयुष सिन्हा को हटाने पर अड़े किसान, करनाल में प्रदर्शन, बातचीत विफल, जानें बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने क्या कहा
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 8, 2021 06:31 PM2021-09-08T18:31:12+5:302021-09-08T18:38:47+5:30
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान बुधवार को जिला मुख्यालय के प्रवेश द्वार के बाहर डटे हैं।
करनालः करनाल जिला प्रशासन और किसान नेता के बीच करनाल में बातचीत विफल हो गया। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी, पंजाब और अन्य जगहों के किसान विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। दिल्ली में हमारे विरोध के साथ-साथ यह आंदोलन भी तब तक जारी रहेगा, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। हमारी मांग है कि अधिकारी को सस्पेंड किया जाए।
किसानों के एक समूह पर पिछले महीने पुलिस को लाठीचार्ज करने का आदेश देने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान बुधवार को यहां जिला मुख्यालय के प्रवेश द्वार के बाहर डटे रहे।
किसान स्थानीय प्रशासन से बातचीत विफल रहने के बाद मंगलवार शाम को लघु सचिवालय के प्रवेश द्वारों के बाहर बैठे रहे। कई किसानों ने वहीं रात बितायी। प्रदर्शनकारी 28 अगस्त को यहां पुलिस के लाठीचार्ज करने पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
Farmers from UP, Punjab, & other places will join the protest here. Along with our protests in Delhi, this agitation will also continue until our demands are met. Our demand is that the officer is suspended: BKU leader Rakesh Tikait after failed talks with Karnal district admin pic.twitter.com/1m0TmmeBvP
— ANI (@ANI) September 8, 2021
बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि करनाल जिला प्रशासन से 3 घंटे तक चली, लेकिन असफल रही। अधिकारी उन्हें (एसडीएम आयुष सिन्हा) निलंबित करने और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने को तैयार नहीं हैं। चंडीगढ़ से अधिकारियों को निर्देश मिल रहे हैं। इसलिए हमने यहां अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है।
उनकी मुख्य मांग करनाल के पूर्व एसडीएम सिन्हा से संबंधित है, जिनका नौकरशाही में बड़े फेरबदल के तौर पर तबादला कर दिया गया है। किसान संघ के नेता सिन्हा के निलंबन की मांग कर रहे हैं। सिन्हा को एक टेप में पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि अगर प्रदर्शनकारी सुरक्षा तोड़ते हैं तो उनका ‘‘सिर फोड़ देना’’।
Haryana: The meeting between farmer leaders and Karnal administration concludes, visuals from Mini Secretariat.
— ANI (@ANI) September 8, 2021
BKU leader Rakesh Tikait says, "The sit-in protest will continue, the talks have failed." pic.twitter.com/J5ePKZ4qCh
भारतीय जनता पार्टी की एक बैठक स्थल की ओर मार्च करने की कोशिश के दौरान पुलिस के साथ झड़प में करीब 10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। उनके नेताओं ने यह भी दावा किया कि एक किसान की बाद में मौत हो गयी। हालांकि प्रशासन ने इस आरोप से इनकार किया। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कई नेताओं के साथ किसानों ने लघु सचिवालय के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर रात बितायी। सुबह प्रदर्शनकारी घटनास्थल पर चाय बनाते हुए और नाश्ता देते हुए दिखायी दिए।
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चडूनी) प्रमुख गुरनाम सिंह चडूनी ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘हम यहां से तब तक कहीं नहीं जा रहे हैं जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती।’’ सिन्हा के निलंबन की मांग पर उन्होंने कहा, ‘‘पहले तो हम कह रहे हैं कि उनका तबादला करना सजा नहीं है।
हम यह भी कह रहे हैं कि जब किसानों पर सड़क अवरुद्ध करने तक के लिए मामला दर्ज कर लिया जाता है तो उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए जिन्होंने पुलिस को सिर फोड़ने का आदेश दिया। क्या कोई कानून है जिसके तहत ऐसा आदेश दिया जा सकता है?’’ दिल्ली-करनाल-अंबाला एनएच-44 पर यातायात सामान्य है। किसानों की महापंचायत से एक दिन पहले सोमवार को यहां सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी और केंद्रीय बलों को तैनात किया गया था।