MP: बीजेपी नेताओं की हत्याओं के बाद सूबे में गरमायी सियासत, 'बेपटरी हो गई कानून व्यवस्था'
By राजेंद्र पाराशर | Published: January 21, 2019 07:33 PM2019-01-21T19:33:06+5:302019-01-21T19:33:06+5:30
राज्य के मंदसौर और उसके बाद बड़वानी जिले में दो भाजपा नेताओं की हत्याओं के विरोध में भाजपा ने जिला स्तर पर कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा था. इसके बाद आज विरोध स्वरुप भाजपा ने प्रदर्शन कर पुतला दहन करने की बात कही थी.
मध्यप्रदेश में दो भाजपा नेताओं की हत्याओं के बाद राज्य की सियासत गर्मा गई है. भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया और राज्य में बिगड़ी कानून व्यवस्था की बात कहकर सोमवार को सड़क पर उतरी. भाजपा कार्यकर्ताओं ने राजधानी सहित राज्य के अन्य शहरों में प्रदर्शन किया और सरकार का पुतला जलाया. इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. कुछ स्थानों पर पुलिस पुतला दहन करने से भाजपा कार्यकर्ताओं को रोक पाई तो कुछ स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ता पुतला जलाने में सफल भी हुए.
राज्य के मंदसौर और उसके बाद बड़वानी जिले में दो भाजपा नेताओं की हत्याओं के विरोध में भाजपा ने जिला स्तर पर कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा था. इसके बाद आज विरोध स्वरुप भाजपा ने प्रदर्शन कर पुतला दहन करने की बात कही थी. भाजपा के इस तय कार्यक्रम के तहत आज राजधानी भोपाल सहित अन्य शहरों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह प्रदर्शन किए और पुतला दहन का आयोजन किया.
राजधानी भोपाल में बोर्ड आफिस चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसके पहले भाजपा कार्यालय से लेकर बोर्ड आफिस चौराहे तक मार्च किया. प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था.
पुलिस ने जैसे ही उन्हें रोकने की कोशिश की कार्यकर्ता उससे उलझ गए. वहां हंगामे के हालात बन गए. दोनों के बीच झड़प और झूमाझटकी हुई. कार्यकर्ता मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाना चाहते थे और पुलिस उन्हें रोक रही थी. पुलिस की झड़प के बीच कार्यकर्ताओं ने यहां 3 पुतले फूंके और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
उल्लेखनीय है कि मंदसौर में भाजपा के नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार के बाद बड़वानी जिले में हुई भाजपा के मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे की हत्या के विरोध में आज भाजपा ने प्रदेशभर में विरोध करते हुए प्रदर्शन और पुतला दहन करने की बात कही थी.
बेपटरी हो गई कानून व्यवस्था
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में चहुंओर मध्यप्रदेश के विकास व समृद्धि की बातें होती थी, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही नक्सली हमले, सिलसिलेवार हत्याएं व अपराधों की शुरूआत हो गई. सत्ता में आने के एक माह के भीतर ही प्रदेश में कांग्रेस के जंगल राज के लक्षण स्पष्ट दिखने लगे हैं. उन्होंने कहा कि एक के बाद एक लगातार नृशंस हत्याएं हो रही हैं और कानून व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है. भाजपा के शासन में 15 साल तक कही कोई नक्सली गतिविधियां नहीं थीं, लेकिन कांग्रेस का राज आते ही नक्सली गतिविधियों ने पांव पसारना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर कानून-व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई तो सड़कों पर प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा.
शांति के टापू को कर दिया अशांत
भाजपा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल के जरिए कहा गया है, पिछले पांच दिनों में तीन हत्याएं. प्रदेश में भड़की अराजकता, हत्याओं का दौर जारी है. कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री को परवाह नही है और मुख्यमंत्री विदेशी दौरे पर हैं. दूसरे ट्वीट में लिखा गया है कि भाजपा सरकार ने मप्र को शांति का टापू बना दिया था, जिसे आज कांग्रेस सरकार ने अशांत कर दिया. खुद गृह मंत्री अपने क्षेत्र में बिगड़ी कानून व्यवस्था को संभाल नही पा रहे हैं.
गली-मोहल्ले के नेताओं जैसे बयान न दें मंत्री
प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कमलनाथ सरकार को चेतावनी तक दे डाली. शिवराज ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आते ही अपराधियों के हौंसले बुलंद हो गए हैं और भाजपा नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को हिदायत दी कि वे अपने मंत्रियों को गैर जिम्मेदाराना बयान देने से रोके. वे प्रदेश के मंत्री गली-मोहल्ले के नेताओं जैसे बयान दे रहे हैं. कांग्रेस अब सरकार में है और पार्टी के नेताओं को जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए. राज्य की कानून एवं व्यवस्था सरकार की जवाबदेही है. ऐसे में मंत्रियों को अफवाहें फैलाने से बचना चाहिए.