कर्नाटक नतीजेः पीएम मोदी ने ध्वस्त किया कांग्रेस का चुनावी गणित, जानें बीजेपी की जीत के 7 बड़े कारण
By आदित्य द्विवेदी | Published: May 15, 2018 12:16 PM2018-05-15T12:16:30+5:302018-05-15T12:19:20+5:30
BJP won in Karnataka Assembly Election results 2018: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। जानें बीजेपी की जीत के सात बड़े कारण...
बेंगलुरु, 15 मईः कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। 222 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में करिश्माई प्रदर्शन करते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई है। सुबह 12 बजे तक के रुझानों में बीजेपी पूर्ण बहुमत के आंकड़े को पार कर गई है। कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है और उसके सारे समीकरण ध्वस्त हो गए हैं।
कर्नाटक बहुत महत्वपूर्ण राज्य था। यहां जीत के साथ बीजेपी ने दक्षिण में सेंधमारी की है वहीं कांग्रेस देश में महज तीन राज्यों पर सिमट गई है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने लिंगायतों के धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देकर बड़ी चाल चली थी। लेकिन राज्य में पीएम मोदी के प्रचार अभियान ने कर्नाटक के सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए। लिंगायतों ने खुलकर बीजेपी को वोट किया। यह भी पढ़ेंः- Karnataka Result 2018 LIVE: बीजेपी 115 सीटों पर आगे, कांग्रेस नेता शिवकुमार ने मानी हार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बड़े कारण-
1. भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक की जनता को भरोसा दिलाने में सफल रहे कि केंद्र की कल्याणकारी योजनाएं प्रभावी रूप से राज्य में लागू की जाएंगी। उन्होंने कई बार रैलियों से कहा कि कांग्रेस प्रदेश के विकास में रुकावट है। बीजेपी सत्ता में आई तो राज्य का विकास सुनिश्चित किया जाएगा।
2. सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर बीजेपी की जीत का बड़ा कारण साबित हुआ। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया की सरकार सीधा सरकार है। यहां 10 पर्सेंट में काम होता है।
3. चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के कई बड़े उम्मीदवारों को तोड़कर अपने खेमे में शामिल कर लिया है। शिकारीपुरा सीट से बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ कांग्रेस के पास कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं था। कांग्रेस के नेताओं में आत्मविश्वास की कमी थी।
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4. बीएस येदियुरप्पा को पीएम मोदी से अलग चुनाव प्रचार कराने की रणनीति कारगर साबित हुई है। कर्नाटक में येदियुरप्पा अपने आप में एक बड़े नेता हैं। ऐसे में पीएम मोदी के साथ चुनाव प्रचार में उनके अपमान की संभावना थी इसलिए दोनों बड़े नेताओं ने अलग-अलग चुनाव प्रचार किया।
5. भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ कई दिग्गज नेताओं की फौज को चुनाव प्रचार के लिए उतार दिया था। इसके अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी मैदान में उतरे। यह कदम भी बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने में कारगर साबित हुआ।
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6. पीएम नरेंद्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियां बीजेपी की जीत का एक बड़ा कारण साबित हुई। चुनाव से पहले लिंगायतों को को धार्मिक अल्पसंख्यक की मान्यता देकर कांग्रेस ने बड़ा दांव चला था। लेकिन पीएम मोदी की रैलियों ने सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए।
7. अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने बूथ लेवल मैनेजमेंट किया। पीएम मोदी ने नमो ऐप के जरिए बीजेपी के मोर्चा कार्यकर्ताओं से व्यापक जनसंपर्क किया। इसका भी असर देखने को मिला।
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