कृषि बिलों पर विरोध के बीच बीजेपी की नई रणनीति, देश के सभी जिलों में आज से 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल का आयोजन
By विनीत कुमार | Published: December 11, 2020 12:48 PM2020-12-11T12:48:42+5:302020-12-11T13:06:32+5:30
किसानों के लगातार प्रदर्शन के बीच बीजेपी ने कृषि विधेयकों पर फ्रंटफुट पर खेलने का फैसला किया है। बीजेपी आज से अगले कुछ दिनों तक देश भर के सभी जिलों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल आयोजित करेगी।
कृषि बिलों और किसान आंदोलन पर चौतरफा घिरी केंद्र सरकार भले ही अभी गतिरोध नहीं सुलझा पाई हो लकिन इस बीच बीजेपी ने पूरे मुद्दे पर नई रणनीति अपनाने का फैसला कर लिया है। बीजेपी ने घोषणा की है कि आज से देश के सभी जिलों में कृषि बिलों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल का आयोजन किया जाएगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार आने वाले अगले कुछ दिनों में बीजेपी की देशभर में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल आयोजित कराने की योजना है। इसके माध्यम से लोगों को कृषि बिलों के फायदे के बारे में बताया जाएगा।
बीजेपी ने ये फैसला उस समय लिया है जब हजारों की संख्या में किसान राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन में जुटे हैं। केंद्र सरकार इस आंदोलन से दबाव में है और लगातार किसानों से बात कर मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की जा रही है।
Bharatiya Janata Party to organise press conferences and 'chaupals' in all the districts of the country on the new farm bills from today. 700 press conferences and 700 'chaupals' to be organised in the coming days. pic.twitter.com/9OGwfbmWO2
— ANI (@ANI) December 11, 2020
किसान आंदोलन को विपक्ष और अन्य कई लोगों के मिले समर्थन ने सरकार की मुश्किलें और बढा दी है। ऐसे में बीजेपी इस मुद्दे पर फ्रंटफुट पर खेलने की योजना बना रही है। दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों के आज 16 दिन हो गए हैं।
हालात को देखते हुए बीजेपी ने पार्टी स्तर पर कृषि कानूनों के मसले को जनता के सामने पेश करने की योजना बनाई है। बीजेपी और सरकार पहले भी ये आरोप लगाते रहे हैं कि कृषि बिलों पर भ्रम फैलाया गया और विपक्ष इस पूरे मुद्दे पर राजनीति कर रहा है।
सरकार का दावा है कि कृषि से जुड़े तीनों कानून किसानों के फायदे के हैं। हाल में राजस्थान के पंचायत चुनाव सहित देश के अन्य राज्यों में हुए कुछ चुनावों में मिली जीत ने भी बीजेपी का भरोसा बढाया है।
बीजेपी इन जीत को कृषि कानून पर समर्थन के तौर पर पेश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी कई मौकों पर कृषि बिलों को लेकर कह चुके हैं कि विपक्ष इस पूरे मुद्दे पर किसानों को भड़का रहा है।