लोकसभा चुनाव 2019: 116 सांसदों का टिकट काट सकती है BJP, संघ है नाराज
By खबरीलाल जनार्दन | Published: June 27, 2018 10:11 AM2018-06-27T10:11:02+5:302018-06-27T11:27:39+5:30
यूपी के रॉबर्ट्सगंज के सांसद छोटेलाल खरवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर अपनी बैठक से बाहर निकालने का आरोप लगाया था।
नई दिल्ली, 27 जूनः लोकसभा चुनाव 2019 में टिकटों लेकर दांव-पेच अभी शुरू हो गए हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी सबसे ज्यादा चौंकाने वाले कदम उठा सकती है। क्योंकि हाल ही बीजेपी आलाकमान ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ मिलकर अपनों के साथ एक खास मीटिंग की थी। फरीदाबाद के सूरजकुंड में ट्रेनिंग के बहाने बुलाए सभी सांसदों से उनके रिपोर्ट कार्ड मांग लिए गए। बाद में बताया कि अगली लोकसभा टिकट के यही आधार होगा। जानकारी के मुताबिक इसमें करीब 116 सांसद ऐसे थे जिनके रिपोर्ट कार्ड से संघ और पार्टी दोनों ही खुश नहीं थे।
उल्लेखनीय है कि जब तब पीएम मोदी की अपने सांसदों से नाराजगी सामने आती रही है। कभी संसद में ना पहुंचने तो कभी नमो एप्प पर पीएम मोदी को रिप्लाई करने पर तो कभी मीडिया में आलाकमान की इजाजत के बगैर बोलने को लेकर। पीएम मोदी ने कई बार अपने चार साल के कार्यकाल में अपने सांसदों की क्लास लगाई और उन्हें राजनीति का पाठ पढ़ाया। लेकिन इन सब के बावजूद सूरजकुंड में करीब 116 लोगों से आलाकमान पर संघ खुश नजर नहीं आया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन सभी सांसदों को कह दिया गया है कि वे जल्द से जल्द ये साबित करें कि उन्हें टिकट क्यों दिए जाएं।
In his video chat this morning with @BJP4India MPs and MLAs, PM @narendramodi asks partymen to desist from speaking out of turn to the media, and not blame the media for then reporting it. @the_hindupic.twitter.com/dy6BXcuDTd
— Nistula Hebbar (@nistula) April 22, 2018
उल्लेखनीय है कि बीजेपी हाल कुछ दिनों से अंदरूनी कलह से गुजर रही है। कभी बीजेपी के कद्दावर सांसद रहे नाना पटोले ने इस साल के शुरुआत में पार्टी छोड़ दी। उनका आरोप था कि बीजेपी सांसदों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मैंने किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाना चाहा तो वे नाराज हो गए। उन्हें सवाल पसंद नहीं। वह अपनी सुनाते हैं। बड़ी मुश्किल से उनके सामने कोई बोल पाता है।
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इसके बाद यूपी के रॉबर्ट्सगंज के सांसद छोटेलाल खरवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर अपनी बैठक से बाहर निकालने का आरोप लगाया था। उन्होंने मामले को दलित सांसद होने से जोड़ा और ऐसी खबर फैली कि बीजेपी अपने दलित सांसदों के साथ बुरा बर्ताव करती है। इसके बाद इटावा के सांसद अशोक कुमार दोहरे ने पीएम मोदी के नाम चिट्ठी लिखकर बताया कि कैसे उनके दलित होने के चलते पार्टी में अनदेखी हो रही है।
बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी में रहकर बीजेपी लगातार निशाना साधने वालों में हैं। उन्होंने हाल ही एक सभा में अपने टिकट कटने को लेकर आंशका भी जताई। संभवतः उन्हें सूरजकुंड वाले मीटिंग में यह बात समझा दी गई हो। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस जाने वालों में बीजेपी के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी हैं। इसके अलावा बीजेपी के साथ गठबंधन में होने के बावजूद शिवसेना लगातार बीजेपी का विरोध कर रही है। बीजेपी के सहयोगी सुहैलदेव पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर भी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। उधर बिहार में भी जनता दल यूनाइटेड लगातर टकराव की स्थिति बनाए हुए हैं। उसी के चलते लोक जनशक्ति पार्टी व राष्ट्रीय लोक शक्ति पार्टी भी उहापोह की हालत में बने हुए हैं। तेलगू देशम पार्टी और पिपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने पहले ही बीजेपी से अलग कर लिया है।
ऐसे में दो धाराएं चल रही हैं, एक घर के अंदर के लोग जिनसे बीजेपी नाराज है, दूसरी घर के अंदर के लोग जो बीजेपी से नाराज हैं। ऐसे में बार-बार उन नेताओं का भी जिक्र होता है जिनकी उपेक्षा की जाती रही है। इसमें एलके आडवाणी का नाम सबसे ऊपर आता है। ऐसे में बीजेपी ने उन 116 लोगों की सूची जारी तो नहीं की है। लेकिन ऐसा बताया जाता रहा है कि आगामी चुनाव में बीजेपी कई बड़े फैसले कर सकती है।