लालू-राबड़ी के बेटों की पढ़ाई को लेकर भाजपा ने कसा तंज, कहा- हराम का पैसा सुख और चैन दोनों छीन लेता है
By एस पी सिन्हा | Published: May 19, 2023 05:40 PM2023-05-19T17:40:16+5:302023-05-19T17:40:16+5:30
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने बिना नाम लिए लालू परिवार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस परिवार में दो मुख्यमंत्री रहे हों। उनका एक भी बेटा 10वीं पास भी नहीं कर सका और आज भी हराम के पैसों से न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रहता है।
पटना: राजद के द्वारा अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से भाजपा नेताओं के बेटे-बेटियों के विदेश में पढ़ने पर तंज कसे जाने पर भाजपा ने करारा जवाब दिया है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने बिना नाम लिए लालू परिवार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस परिवार में दो मुख्यमंत्री रहे हों। उनका एक भी बेटा 10वीं पास भी नहीं कर सका और आज भी हराम के पैसों से न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रहता है। उसे कभी मानसिक शांति नहीं मिल सकती, क्योंकि हराम का पैसा सुख और चैन दोनों छीन लेता है।
उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि 1996,1998,1999, में लगातार तीन बार लोकसभा के चुनाव हुए थे। एक चिकित्सक के रूप में जितना पैसा कमाता था, वह सब मेरे पिताजी के चुनाव में खत्म हो जाता था। 1999 लोकसभा चुनाव से पहले मैंने नाराज होकर पिताजी को कहा कि आज तक हम सुनते थे कि कोई सांसद बनता है तो उसके तीन खानदान को कमाने की जरूरत नहीं पड़ती, पर आप कैसे विधायक और सांसद रहे हैं कि जब भी चुनाव लड़ते हैं तो मेरा और मां का सारा डॉक्टरी से कमाया हुआ पैसा खत्म हो जाता है?
इस पर पिताजी ने पूरे धैर्य से मुझसे कहा था कि 'संजय तुम किसी ऐसे सांसद को जानते हो, जिसका बेटा पटना मेडिकल कॉलेज से पढ़ा हो, एमडी मेडिसिन भी हो और 2 सब्जेक्ट में ऑनर्स एवं गोल्ड मेडल लाया हो? उसके बाद मैंने जीवन में कभी उनसे कुछ नहीं कहा और यही पूंजी अपने पास भी रखी। जिसका नतीजा है कि आज मेरे दोनों बच्चे डॉक्टर हैं और सफल हैं।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि जिस दिन आपके घर में हराम का पैसा आता है, उससे आप भौतिक सुख तो बढ़ा लेते हैं। लेकिन सुख, शांति और परिवार का आगे बढ़ना समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की संस्कृति ही ऐसी है कि हमारे बच्चे अपने बल पर दुनिया के किसी भी विश्वविद्यालय में स्कॉलरशिप पर जा सकते हैं और जो चारा घोटाले से उपजे लोग हैं, वह चोरी, डकैती, बालू माफिया और शराब बेच करके ही पैसे कमा सकते हैं। प्रतिष्ठा उन्हें कभी नसीब नहीं होगी। एक हाथ में संस्कृति, दूजे हाथ में ज्ञान, लेकर आगे बढ़ चला है अपना हिंदुस्तान।