‘गुपकार घोषणा’ के खिलाफ ‘अलग जम्मू राज्य’ की मांग को समर्थन देने लगी भाजपा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 10, 2021 06:23 PM2021-06-10T18:23:12+5:302021-06-10T18:31:12+5:30
कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दलों की अर्थात गुपकार एलायंस की कल कई महीनों के बाद हुई बैठक में फिर से ‘गुपकार घोषणा’ पर चर्चा हुई।
सुरेश एस डुग्गर, जम्मू : कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दलों की अर्थात गुपकार एलायंस की कल कई महीनों के बाद हुई बैठक में फिर से ‘गुपकार घोषणा’ पर चर्चा हुई। इससे प्रदेश भाजपा कितनी घबराई हुई है इसी से स्पष्ट होता है कि अब उसने अंदरखाने जम्मू संभाग के उन राजनीतिक व सामाजिक दलों का समर्थन करना आरंभ कर दिया है जो जम्मू को कश्मीर से अलग करते हुए एक नए राज्य के तौर पर देखना चाहते हैं।
कई साल पहले भी जम्मूवासियों का समर्थन पाने की खातिर भाजपा ऐसा खेल खेल चुकी है। तब अलग जम्मू की मुहिम को छेड़ कर उसने वर्ष 2014 के विधानासभा चुनावों में 25 सीटें प्राप्त कर ली थी। पर उसके बाद वह जम्मू के लोगों से किए गए वायदे को भूल गई थी।
अब जबकि कश्मीरी नेता और राजनीतिक दल पुनः गुपकार घोषणा के तले एकजुट होने लगे हैं और जम्मू संभाग में भी उसके समर्थन में स्वर उठने लगे हैं, भाजपा की परेशानी बढ़ गई है। यह परेशानी इसलिए भी है क्योंकि धारा 370 को हटाए जाने से पहले और चुनाव में भाजपा ने जम्मू की जनता से कई वायदे किए, पर 5 अगस्त 2019 की कवायद के बाद जम्मू संभाग की जनता को यह लगने लगा है कि भाजपा का ध्यान सिर्फ और सिर्फ कश्मीर की ओर है और उसने ऐसे कई फैसले भी लिए जिससे जम्मू की जनता नाराज है।
कई सामाजिक दल भी कर रहे समर्थन
पिछले कुछ महीनों से ‘अलग जम्मू राज्य’ की मांग को लेकर राजनीतिक हलचल भी बढ़ी है। पैंथर्स पार्टी के साथ साथ कई सामाजिक दलों ने एकजुट होकर इस मांग के प्रति मुहिम छेड़ी है। जो सामाजिक व धार्मिक दल इस मांग के समर्थन में उठ खड़े हुए हैं उनके प्रति चौंकाने वाली बात यह है कि उनमें से अधिकतर भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित हैं।
कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने की मांग
बड़ी मजेदार बात यह है कि जम्मू संभाग के लोगों ने न सिर्फ जम्मू को अलग राज्य बनाने की मांग फिर से छेड़ दी है बल्कि वे चाहते हैं कि कश्मीर को और दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया जाए। इसमें से एक में कश्मीरी पंडितों को बसाया जाए। दरअसल यह मांग भी भाजपा की ही रही है। ऐसी मांग करने वालों में इक्कजुट जम्मू के चेयरमेन अंकुर शर्मा हैं जो रोशनी घोटाले के बाद सुर्खियों में आए हैं और उन्हें भाजपा का पूरा समर्थन हासिल है।