भाजपा ने फैसले पर कहा-कांग्रेसी षडयंत्र पर सुप्रीम कोर्ट का करारा तमाचा
By राजेंद्र पाराशर | Published: December 7, 2019 05:36 AM2019-12-07T05:36:46+5:302019-12-07T05:36:46+5:30
एक मामले में राजधानी की विशेष अदालत ने पवई विधायक प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद इस सजा पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की पवई विधानसभा सीट से भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी के मामले में प्रदेश सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. याचिका के खारिज होने के बाद भाजपा में जश्न का माहौल बन गया है. एक ओर जहां भाजपा नेता कांग्रेस पर हमलावर हुए हैं, तो भाजपा संगठन अपने विधायक को गाजे-बाजे के साथ विधानसभा ले जाने की तैयारी में जुट गया
है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा संगठन विधायक प्रहलाद लोधी को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में गाजे-बाजे के साथ ले जाने की तैयारी में जुटा है. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह दुर्भावना से यह कार्रवाई की थी.उन्होंने कहा कि अब हम हमारे विधायक को गाजे-बाजे के साथ विधानसभा में प्रवेश कराएंगे. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि पवई विधायक की सदस्यता मामले में कांग्रेसी षडयंत्र पर सुप्रीम कोर्ट का करारा तमाचा है. हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना है.
उल्लेखनीय है कि एक मामले में राजधानी की विशेष अदालत ने पवई विधायक प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद इस सजा पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. इस रोक के विरोध में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया है.
जमीन गिरवी रखकर केस लड़ा विधायक ने
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने याचिका खारिज किए जाने के बाद कहा कि यह सत्य की जीत है. विधायक प्रहलाद लोधी को न्याय मिला है, लेकिन दु:ख की बात है कि एक विधायक को न्याय के लिए इतना संघर्ष करना पड़ा. जिसके लिए एकमात्र सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष ही जिम्मेदार है. जिन्होंने 2 दिन में निचली अदालत के फैसले को मानकर विधायक लोधी की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी. उनका स्थान भी रिक्त कर दिया. उनके प्रश्न पूछने का अधिकार भी छीन लिया गया, उन्हें सुनवाई के कोई मौका नही दिया. उन्होंने कहा कि विधायक लोधी की साढ़े 4 एकड़ जमीन थी जो उन्होंने केस लड़ने के लिए 20 लाख में गिरवी रखी इससे दर्दनाक स्थिति कोई और हो नही सकती.
असंवैधानिक तरीके से किया था अयोग्य
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विधायक प्रहलाद लोधी को विधानसभा अध्यक्ष ने असंवैधानिक तरीके से अयोग्य घोषित किया था. प्रदेश सरकार ने एक महीने तक क्षेत्र की जनता को अपने जनप्रतिनिधि से वंचित रखने का महापाप किया. प्रहलाद लोधी के मामले में जब हाईकोर्ट ने सजा को स्टे कर दिया था, तो अयोग्यता भी स्वत: समाप्त हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को बरकरार रखा है. सरकार ने जो ओछी हरकत की है, वह लोकतंत्र का गला दबाने वाली है. संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली है. हम उसकी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष जो विधायकों के संरक्षक होते हैं, उन्होंने प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त करने का असंवैधानिक कार्य किया. सरकार को इस तरह की घटिया हरकत करने से बाज आना चाहिए.
लाएंगे विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर लगातार संसदीय अपराध कर रहे हैं. पहले उच्च न्यायालय और अब सुप्रीम कोर्ट ने प्रहलाद लोधी के पक्ष में निर्णय दिया, इसके बावजूद लोधी को विधायक के अधिकारों से वंचित किए हुए हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष अल्पमत की सरकार को बचाने के लिए लगातार गलत कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम विधि विशेषज्ञों से राय ेकर प्रहलाद लोधी के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे.