भाजपा ने कहा, 'सोनिया गांधी के इशारे पर अहमद पटेल ने गुजरात दंगे के लिए पीएम मोदी को फंसाने की कोशिश की थी, पटेल ने सीतलवाड़ के दिये थे 30 लाख रुपये'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 16, 2022 04:19 PM2022-07-16T16:19:13+5:302022-07-16T16:26:00+5:30
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उनके राजनैतिक सलाहकार रहे दिवंगत अहमद पटेल ने साल 2002 में तत्कालीन गुजरात की भाजपा सरकार को अस्थिर करने और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक करियर को बर्बाद करने की योजना तैयार की थी।
दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी पर शनिवार को आरोप लगाया कि वो साल 2002 में गोधरा में हुए दंगों के आरोप में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने वाली "साजिश" की सूत्रधार थीं।
इन आरोपों के सिलसिले में भाजपा की ओर से किये गये एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावे के साथ कहा कि सोनिया गांधी के राजनैतिक सलाहकार रहे दिवंगत अहमद पटेल ने तत्कालीन गुजरात की भाजपा सरकार को अस्थिर करने और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक करियर को बर्बाद करने की योजना तैयार की थी, जिसे सोनिया गांधी के इशारे पर रचा गया था।
पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजपा इन आरोपों के संबंध में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मांग करती है कि वो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश के सामने अपनी सफाई पेश करें।
दरअसल भाजपा ने इन आरोपों का आधार गुजरात पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की कोर्ट में दायर जमानत अर्जी के विरोध में पेश किये गये हलफनामे को बनाया है। एसआईटी द्वारा अदालत के पेश किये गये हलफनामे में दावा किया कि तीस्ता सीतलवाड़ दिवंगत कांग्रेसी नेता अहमद पटेल द्वारा रची गई एक "बड़ी साजिश" का हिस्सा थीं।
इस हलफनामें के आने के बाद दिवंगत अहमद पटेल का बचाव करते हुए कांग्रेस ने बीते शुक्रवार को दावा किया था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की "सांप्रदायिक नरसंहार के लिए खुद को मुक्त करने की रणनीति" का हिस्सा हैं।
इसके साथ ही देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक प्रतिशोध की भावना उन दिवंगत लोगों को भी नहीं बख्शती, जो उनके राजनीतिक विरोधी रहे थे। गुजरात सरकार की एसआईटी अपने राजनीतिक गुरु की धुन पर नाच रही है और उसे जहां भी कहा जाएगा, वो वहीं बैठेगी।"
कांग्रेस के उन आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के बयान को ओछा बताते हुए कांग्रेस पार्टी से पूछा कि क्या कांग्रेस यह कहना चाहती है कि देश की सुप्रीम कोर्ट ने भी 'दबाव' में काम किया था जब उसने तीस्ता सीतलवाड़ सहित अन्य आरोपियों को गोधरा दंगे के लिए 'गलत मंसूबों' के लिए फटकार लगाई थी और उन्हें कटघरे में खड़ा करने की बात कही थी।
भाजपा नेता पात्रा ने कहा, "हम चाहते हैं कि सोनिया गांधी इस मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और देश को संबोधित करें कि वह गोधरा दंगों में फंसाने के लिए पीएम मोदी के खिलाफ क्यों साजिश कर रही थी।"
उन्होंने कहा कि आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस दिवंगत अहमद पटेल के विषय पर नहीं है क्योंकि वह तो सिर्फ एक माध्यम थे, जिन्होंने सोनिया गांधी ने इशारे पर काम किया था। पात्रा ने दावा किया कि उन्होंने और उनके बेटे राहुल गांधी ने गुजरात को बदनाम करने के लिए साजिश रची थी।
मालूम हो कि तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए गुजरात एसआईटी ने अपने हलफनामे में दावा किया है कि अहमद पटेल ने तीस्ता सीतलवाड़ को निजी इस्तेमाल के लिए 30 लाख रुपये दिए थे। इसके साथ उन्होंने आरोप लगाया कि "पटेल ने सोनिया गांधी के कहने पर यह पैसे सीतलवाड़ को दिये।
इसके साथ संबित पात्रा ने पद्म पुरस्कार का उल्लेख करते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री को फंसाने के लिए और उस मामले को आगे बढ़ाने वाले सीतलवाड़ को पद्मश्री भी दिया और उन्हें राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का मेंबर भी बनाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरी साजिश के पीछे सिर्फ सोनिया गांधी थी, अहमद पटेल तो केवल एक नाम हैं। (समाचार एजंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)