राजस्थान में अभी तोड़फोड़ के लिए तैयार नहीं भाजपा! गहलोत कैबिनेट के विस्तार का इंतजार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 17, 2019 07:58 AM2019-07-17T07:58:57+5:302019-07-17T07:58:57+5:30
प्रदीप द्विवेदी। जयपुर। 16 जुलाई कर्नाटक जैसी राजनीतिक तोड़फोड़ में अभी राजस्थान में वक्त लग सकता है. वजह यह है कि भाजपा अभी इसके लिए तैयार नहीं है और आधी-अधूरी तैयारी के साथ जोड़तोड़ का सियासी दांव उल्टा भी पड़ सकता है. इस वक्त पूर्व मंत्री भंवरलाल शर्मा, पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया, पूर्व मंत्री राजकुमार शर्मा जैसे करीब आधा दर्जन ऐसे वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा मंत्रिमंडल के अगले विस्तार का इंतजार कर रही है. यदि इस विस्तार के बाद सियासी संतुलन कायम नहीं हुआ तो भाजपा की राजनीतिक राह आसान हो सकती है. इस संबंध में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि कर्नाटक और बंगाल जैसी राजस्थान में न तो ऐसी कोई तैयारी है और न ही मंशा, वे अपनी पार्टी आराम से चलाएं, अगर वे आपस में लड़ मरेंगे तो उसका तो हमारे पास कोई इलाज नहीं है.
भाजपा के सामनेे भी अभी कई सियासी प्रश्न हैं, एक तो तख्तापलट होने पर नेता कौन होगा और दूसरा- भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा? उदयपुर में कटारिया ने पत्रकारों से कहा कि बजट पेश करने के बाद सीएम अशोक गहलोत को आखिर यह कहने की क्यों जरूरत पड़ी कि सभी लोग मुझे मुख्यमंत्री के रूप में चाहते हैं?
राजस्थान की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए उनका कहना था कि मुख्यमंत्री ने गृह विभाग अपने पास रख लिया और अब मॉनिटरिंग करने का समय नहीं मिल रहा. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के सवाल पर उनका कहना था कि प्रदेश स्तर पर चर्चा चल रही है, हालांकि प्रदेशाध्यक्ष नहीं होने से कोई काम नहीं रु क रहा, भाजपा में सभी लोग मिलकर काम करते हैं. बहरहाल, जहां कांग्रेस के नेता मंत्रिमंडल के विस्तार का इंतजार कर रहे हैं, वहीं भाजपा पहले तो अपना सियासी घर व्यविस्थत करेगी और उसके बाद ही कर्नाटक जैसा बड़ा सियासी कदम उठाएगी.
टीकाराम का जिला अध्यक्ष के पद से इस्तीफा
प्रदेश के मंत्री टीकाराम जूली ने कांग्रेस के अलवर जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही, कांग्रेस में एक बार फिर- एक व्यक्ति, एक पद की सियासी चर्चा गर्मा गई है. उनका कहना है कि एक व्यक्ति के पास एक ही पद होना चाहिए, इसलिए मंत्री पद होने के कारण जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन, कितने नेता इस कदम से सहमत होंगे, यह कहना मुश्किल है.
राहुल गांधी का अनुसरण करें कांग्रेस नेता: शर्मा
विधायक भंवरलाल शर्मा का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का पार्टी नेता अनुसरण करें और जिन नेताओं के पास एक से अधिक पद हैं वे इस्तीफा दें. वे चाहें तो संगठन का पद छोड़ें या फिर मंत्री पद छोड़ें. लेकिन, जिन्हें पद नहीं छोड़ना है, उनके पास उनके अपने तर्क हैं.