वरुण गांधी ने फिर उठाए मोदी सरकार पर सवाल, कहा- रेलवे के निजीकरण से 5 लाख कर्मचारी हो जाएंगे बेरोजगार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 22, 2022 09:27 PM2022-02-22T21:27:49+5:302022-02-22T21:27:49+5:30
पीलीभीत संसदीय क्षेत्र के सांसद ने कहा, केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’ यानि बेरोजगार कर देगा। समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें।
नयी दिल्ली: बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एकबार फिर से अपनी ही सरकार को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने निजीकर को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। वरुण गांधी ने मंगलवार को बैंक और रेलवे के निजीकरण का विरोध किया। पीलीभीत संसदीय क्षेत्र के सांसद ने रेलवे और बैंक के निजीकरण से 5 लाख कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।
इससे पहले वरुण गांधी कृषि कानूनों, महंगाई जैसे मु्द्दों को लेकर अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। उनकी राय भाजपा के आधिकारिक रुख से भिन्न देखी गई है। पीलीभीत के सांसद ने एक ट्वीट में यह भी कहा कि एक लोक कल्याणकारी सरकार आर्थिक असमानता पैदा नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा, ‘‘केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’ यानि बेरोजगार कर देगा। समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें। सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक लोक कल्याणकारी सरकार पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती।’’
केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’ यानि बेरोजगार कर देगा।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 22, 2022
समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें।
सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक ‘लोक कल्याणकारी सरकार’ पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती।
इससे पहले 18 फरवरी को भी एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा, विजय माल्या 9000 करोड़, नीरव मोदी 14000 करोड़, ऋषि अग्रवाल 23000 करोड़,
आज जब कर्ज के बोझ तले दब कर देश में रोज लगभग 14 लोग आत्महत्या कर रहे हैं, तब ऐसे धन पशुओं का जीवन वैभव के चरम पर है। इस महा भ्रष्ट व्यवस्था पर एक ‘मजबूत सरकार’ से ‘मजबूत कार्यवाही’ की अपेक्षा की जाती है।
विजय माल्या: 9000 करोड़
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 18, 2022
नीरव मोदी: 14000 करोड़
ऋषि अग्रवाल: 23000 करोड़
आज जब कर्ज के बोझ तले दब कर देश में रोज लगभग 14 लोग आत्महत्या कर रहे हैं, तब ऐसे धन पशुओं का जीवन वैभव के चरम पर है।
इस महा भ्रष्ट व्यवस्था पर एक ‘मजबूत सरकार’ से ‘मजबूत कार्यवाही’ की अपेक्षा की जाती है।