कांग्रेस नेता सिंधिया को हराकर चर्चा में आएं भाजपा सांसद केपी यादव मुश्किल में, जानिए क्या है मामला
By भाषा | Published: December 23, 2019 04:42 PM2019-12-23T16:42:42+5:302019-12-23T16:42:42+5:30
यादव ने लोकसभा चुनाव में गुना सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पराजित किया था। यादव और उनके बेटे के खिलाफ अशोकनगर के कोतवाली थाने में शनिवार रात लगभग साढ़े ग्यारह बजे यह मामला दर्ज किया गया।
मध्य प्रदेश पुलिस ने गुना लोकसभा सीट के भाजपा सांसद केपी यादव और उनके बेटे के खिलाफ गैर क्रीमी लेयर का ओबीसी प्रमाण पत्र हासिल करने के लिये गलत जानकारी देने का मामला दर्ज किया है।
यादव ने लोकसभा चुनाव में गुना सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पराजित किया था। यादव और उनके बेटे के खिलाफ अशोकनगर के कोतवाली थाने में शनिवार रात लगभग साढ़े ग्यारह बजे यह मामला दर्ज किया गया।
अशोकनगर के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने कहा कि केपी यादव और उनके बेटे सार्थक के खिलाफ फर्जीवाड़ा करके गैर क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाण पत्र हासिल करने के लिये भादवि की धारा 420 (धोखाधड़ी) धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और धारा 180 और 181 (गलत जानकारी प्रस्तुत करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील शिवहरे ने बताया कि मुंगावली के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। एसडीएम ने अशोक नगर निवासी गिरिराज यादव की शिकायत पर यह जांच की थी। शिवहरे ने बताया कि एसडीएम की जांच रिपोर्ट पर कानूनी सलाह लेने के बाद यादव और उनके बेटे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एसडीएम की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि वर्ष 2017 तक गैर क्रीमी लेयर का ओबीसी प्रमाण पत्र हासिल करने के लिये आय सीमा छह लाख रुपये थी जबकि नवंबर 2017 में प्रदेश सरकार ने इस सीमा को बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया। यादव ने गैर क्रीमी लेयर का ओबीसी प्रमाण पत्र लेने के लिये 2014 में गलत जानकारी दी थी।
इसी तरह उनके पुत्र सार्थक ने भी गलत जानकारी देकर जुलाई 2019 में यह प्रमाण पत्र हासिल किया। जांच में पाया गया कि गुना के सांसद और उनके बेटे द्वारा गैर क्रीमी लेयर का ओबीसी प्रमाण पत्र हासिल करने के लिये दी गई संपत्ति और आय की जानकारी उनके द्वारा चुनाव में दिये गये संपत्ति और आय के शपथपत्र से अलग है। केपी यादव द्वारा चुनाव के दौरान दिये गये शपथपत्र में उनकी आय, गैर क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाण पत्र हासिल करने के लिये निर्धारित आय के स्लैब से अधिक थी।