विभाजन की विभीषिका को स्कूलों में पढ़ाया जाए, प्रधानमंत्री मोदी से भाजपा सांसद ने की मांग
By शिवेंद्र राय | Published: August 16, 2022 09:50 AM2022-08-16T09:50:03+5:302022-08-16T09:52:41+5:30
अपने पत्र में भाजपा के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा है कि मेरी दृष्टि में विश्व की सर्वाधिक क्रूरतम घटना का सम्पूर्ण प्रमाणिक ज्ञान भारत की वर्तमान व भविष्य की पीढ़ी को अवश्य होनी चाहिये। यह तभी सम्भव है जब विभाजन की विभीषिका का तथ्यात्मक सम्पूर्ण चित्र इतिहास के पाठ्यक्रम में जोड़ा जायेगा और बच्चों को पढ़ाया जाएगा।
नई दिल्ली: 14 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी ने देश के बंटवारे के दर्द को याद करने के लिए 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाया था। इस दिन राजधानी दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में मौन मार्च निकाला था। अब भाजपा के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और उनसे आग्रह किया है कि स्कूली छात्रों को उनके इतिहास के पाठ्यक्रम के रूप में '14 अगस्त-विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के महत्व को पढ़ाया जाना चाहिए।
भाजपा सांसद ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, "मैंने विगत 14 अगस्त को आपको एक पत्र लिखकर मांग की थी विभाजन की त्रासदी केवल स्मृति दिवस नहीं वरन अपने देश के नौनिहालों को सम्पूर्ण विभाजन की विभीषिका का तथ्यात्मक ज्ञान देने के लिये उनके पाठ्यक्रम में सम्मिलित करना चाहिये। भारत विभाजन की विभीषिका मेरे ज्ञान के अनुसार विश्व इतिहास की सर्वाधिक क्रूरतापूर्ण घटना थी जिसमें लगभग 10 लाख लोगों की जान गई। लगभग 70 लाख लोगों को अपना घर द्वार, जमीन जायदाद छोड़ना पड़ा। माताओं-बहनों-बेटियों की इज्जत लूटी गई। आपने स्वयं कहा कि विभाजन की पीड़ा को कभी नहीं भूला जा सकता। विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस प्रत्येक वर्ष मनाने से हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने की न केवल प्रेरणा मिलेगी वरन् राष्ट्रीय एकता, सामाजिक भेदभाव और मानवीय संवेदनायें भी मजबूत होंगी।"
BJP Rajya Sabha MP Harnath Singh Yadav has written to Prime Minister Narendra Modi and urged him that the significance of ' Aug 14-Partition Horrors Remembrance Day' should be taught to school students as a part of their history curriculum. pic.twitter.com/TbR99lX2RS
— ANI (@ANI) August 16, 2022
अपने पत्र में हरनाथ सिंह यादव ने आगे लिखा, "इतिहास को याद रखने से भविष्य के लिये अतीत की गलतियों को पुनः न दोहराने की सीख मिलती है, और जो व्यक्ति समाज या राष्ट्र इतिहास की भूलों से सीख नहीं लेते वह बाद में पश्चाताप करते हैं। देश की अधिकांश आबादी का जन्म आजादी के बाद हुआ है। देश का विभाजन क्यों हुआ, विभाजन के पीछे पृष्ठभूमि क्या थी, विभाजन का दंश जो लाखों लोगों ने झेला वास्तव में उसकी हकीकत क्या थी, विभाजन के लिये कौन से लोग उत्तरदायी थे? लोगों के पास विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर सटीक जानकारी देने के लिये कोई तथ्यात्मक साहित्य उपलब्ध नहीं है। सत्य तो यह है कि हम अभी भी उन्ही ऐतिहासिक तथ्यों पर निर्भर है जो यूरोपीय अथवा देश के कुटिल मानसिकता वाले इतिहासकारों ने अपने दृष्टिकोण से लिखे हैं। यही कारण है कि इतिहास की पुस्तकों में विभाजन के इतिहास की त्रासदी को दो चार पक्तियों या एक दो पैराग्राफ में समेट दिया जाता है। यह भी सत्य है कि इतिहास हमारे अतीत को जानने एवं वर्तमान को समझने एवं भविष्य को सुधारने का सबसे सरल माध्यम होता है। अतः मैं आज विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस पर आपसे पुनः निवेदन करता हूं कि विभाजन की विभीषिका को केवल स्मृति दिवस के रूप में नहीं, वरन बच्चों के इतिहास पाठ्यक्रम में जोड़ने के बारे में विचार करने का कष्ट करें।"
बता दें कि पीएम मोदी ने विभाजन के दौरान लोगों के संघर्षों और बलिदान की याद में पिछले साल 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि अब से हर साल 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।