मोरबी केबल ब्रिज हादसे में भाजपा सांसद के 12 रिश्तेदारों की हुई मौत, मेंटनेंस एजेंसी पर प्राथमिकी दर्ज
By अनिल शर्मा | Published: October 31, 2022 12:59 PM2022-10-31T12:59:22+5:302022-10-31T13:18:03+5:30
भाजपा सांसद मोहनभाई कुंदरिया ने दुर्घटना के बाद खुद मोरबी में घटनास्थल का दौरा किया और बचाव अभियान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, "यह बहुत दुखद है।

मोरबी केबल ब्रिज हादसे में भाजपा सांसद के 12 रिश्तेदारों की हुई मौत, मेंटनेंस एजेंसी पर प्राथमिकी दर्ज
मोरबी: केबल ब्रिज हादसे में राजकोट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मोहनभाई कुंदरिया के परिवार के बारह सदस्यों की की मौत हो गई है। कुंदरिया के निजी सहायक ने बताया कि मोरबी पुल गिरने की घटना में कुंदरिया की बहन के परिवार के 12 सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों में पांच बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जांच के बाद हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाएगी। इस हादसे में 132 लोगों की मौत हुई है। उधर, गुजरात पुलिस ने 'गैर इरादतन हत्या' के लिए पुल मेंटनेंस एजेंसी पर प्राथमिकी दर्ज की है।
कुंदरिया ने दुर्घटना के बाद खुद मोरबी में घटनास्थल का दौरा किया और बचाव अभियान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, "यह बहुत दुखद है। पानी को बाहर निकालने के लिए मशीनें मौके पर मौजूद हैं ताकि हम नीचे शवों का पता लगा सकें। पानी में बहुत अधिक गाद है। मेरा मानना है कि पुल ओवरलोड हो गया और इससे घटना हुई। उन्होंने कहा कि कई टीमें बचान में लगी हैं।
गुजरात सरकार ने हादसे की जांच के लिए सोमवार को एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है। गुजरात के गृह मंत्री ने बताया कि घटना के संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, रेंज आईजीपी के नेतृत्व में आज एक जांच शुरू हो गई है। रात भर सब काम करते रहे। नौसेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत बल), वायु सेना और सेना तुरंत मौके पर पहुंच गई। 200 से अधिक लोगों ने पूरी रात खोज और बचाव अभियान में काम किया है।
उधर, घटना में गुजरात पुलिस ने निजी एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और गैर इरादतन हत्या के प्रयास के लिए प्राथमिकी दर्ज की है। पुल के रखरखाव और प्रबंधन एजेंसियों के खिलाफ भारतीय दंड की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), और 114 (अपराध होने पर उपस्थित होने वाले) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने यह भी बताया कि प्रबंधन व्यक्ति/एजेंसी ने पुल की उचित देखभाल और गुणवत्ता की जांच नहीं की और गंभीर लापरवाही दिखाते हुए 26 अक्टूबर को इसे लोगों के लिए खुला रखा.