बीजेपी विधायक ने कहा, "पीएम मोदी चाहें तो तमिलनाडु को 'दो हिस्सों में बांटा जा सकता है", जानिए क्यों कहा ऐसा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 6, 2022 09:19 PM2022-07-06T21:19:57+5:302022-07-06T21:26:36+5:30
तमिलनाडु की सियासत उस समय गर्म हो गई जब भारतीय जनता पार्टी के विधायक नैनार नागेंद्रन ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोचते हैं तो तमिलनाडु को "दो हिस्सों में विभाजित" किया जा सकता है।
चेन्नई: दक्षिण भारत में कमल खिलाने का ख्वाब देख रही भाजपा ने तमिलनाडु के दो हिस्सों में बांटे जाने के विवाद को हवा देकर राज्य की सियासत में भूचाल ला दिया है।
इस मामले में सत्ताधारी डीएमके पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ने कहा कि केंद्र सरकार को तमिलनाडु को अलग होने की अपनी मांग पर वापस जाने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए और राज्य के सभी सियासी दलों द्वारा इसका व्यापक तौर पर विरोध किया जाना चाहिए।
समाचार वेबसाइट 'द न्यूज मिनट' के मुताबिक सांसद राजा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायक नैनार नागेंद्रन ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोचते हैं तो तमिलनाडु को "दो हिस्सों में विभाजित" किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बेहतर प्रशासन के लिए तमिलनाडु को दो राज्यों - 'पंडियानाडु' और 'पल्ल नाडु' में विभाजित किया जा सकता है।
ए राजा को जवाब देते हुए विधायक नागेंद्रन ने कहा, "ऐसा मत सोचो कि हम यह नहीं कर सकते हैं। हम उस जगह पर हैं, जहां हम सब कुछ कर सकते हैं। अगर हमारे पीएम मोदी सोचते हैं, तो ऐसा हो सकता है।"
इसके बाद भाजपा विधायक नागेंद्रन ने दो संभावित राज्यों के बारे में बात करते हुए कहा, "तमिलनाडु में 234 विधायक हैं और इसे दो राज्यों में विभाजित किया जा सकता है, जिनमें से प्रत्येक राज्य में 117 विधायक होंगे।"
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता दोनों संभावित दक्षिण और उत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि अगर राजा अलग राज्य की मांग कर सकते हैं तो तमिलनाडु को विभाजित करने की उनकी इच्छा पूरी हो सकती है।
मालूम हो कि बीते 3 जुलाई को नमक्कल में डीएमके सांसद ए राजा ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा, "हमें स्वतंत्र तमिलनाडु की मांग के लिए प्रेरित न करें। पेरियार और अन्ना द्वारा प्रचारित अलग द्रविड़नाडु की मांग जवाहरलाल नेहरू के जाने के बावजूद अब भी बनी हुई है।
साल 1962 में डीएमके के इस मांग पर प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने प्रतिबंध लगा दिया था। जबकि डीएमके ने संघवाद की मांग के साथ अगल द्रविड़नाडु की मांग की थी।
डीएमके सांसद राजा नमक्कल में द्रमुक लोकल बॉडी के मेंबर्स द्वारा आयोजित एक बैठक में बोल रहे थे। जिस कार्यक्रम का शीर्षक था "मथियाल कूटाची, मानिलथिल सुयाची" (केंद्र में संघवाद और राज्यों के लिए स्वायत्तता) और यही सोच दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के भी थे, जिसे पार्टी आज भी मानती है।
इस बीच डीएमके ने भाजपा विधायक नैनार नागेंद्रन के बयान की कड़ी आलोचना की है। राजा के अलावा डीएमके को एक अन्य सांसद टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि भाजपा इस समय "सत्ता के नशे में" है, जिस कारण वो ऐसा बयान दे रही है।
एलंगोवन ने कहा, "यह राजा के बयान के बदले के तौर पर नहीं कहा जाना चाहिए। राज्य का विभाजन लोगों की मांगों पर आधारित होना चाहिए। इससे केवल यह पता चलता है कि उनके पास सत्ता की शक्ति है, जिसका वो खुलकर दुरुपयोग कर सकते हैं।"