बीजेपी ने आडवाणी-जोशी समेत इन जीते प्रत्याशियों का काटा टिकट, हार के बावजूद स्मृति ईरानी समेत इन्हें मिला मौका
By आदित्य द्विवेदी | Published: March 27, 2019 11:11 AM2019-03-27T11:11:44+5:302019-03-27T11:19:52+5:30
बीजेपी ने अभी तक घोषित 352 उम्मीदवारों में 50 मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं। वहीं पिछले चुनाव में हार के बावजूद पार्टी ने स्मृति ईरानी समेत कुछ उम्मीदवारों को दोबारा टिकट दिया है।
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अभी तक 352 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस लिस्ट में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र जैसे दिग्गज नेताओं का टिकट काट दिया गया, जो दशकों से अपने लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। बीजेपी ने अभी तक घोषित 352 उम्मीदवारों में 50 मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं। वहीं पिछले चुनाव में हार के बावजूद पार्टी ने स्मृति ईरानी समेत कुछ उम्मीदवारों को दोबारा टिकट दिया है।
बीजेपी का 75 साल का फॉर्मूला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी 75 साल से ज्यादा के फॉर्मूले के नाम पर कई बीजेपी की कई दिग्गज हस्तियों के टिकट काट दिए हैं। इसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे पार्टी के पुराने कर्ता-धर्ता भी शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार को भी टिकट नहीं मिला है। मुरैना के सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा का भी टिकट काटा गया है।
स्मृति ईरानी को हार के बावजूद टिकट
स्मृति ईरानी को एकबार फिर अमेठी से टिकट दिया गया है। वो 2014 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी से करीब 1 लाख वोटों से हार गई थी। इसके अलावा बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर 2018 में हुए उपचुनाव में हारे प्रत्याशी प्रदीप सिंह को बीजेपी ने दोबारा टिकट दिया है। 2018 उपचुनाव में आरजेडी के सरफराज आलम ने बीजेपी के प्रदीप सिंह को करीब 60 हजार वोटों से मात दी थी। इसके अलावा 2014 लोकसभा चुनाव में भी प्रदीप सिंह को हार का सामना करना पड़ा था।
इन मौजूदा सांसदों के टिकट कटे
पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अब तक 61 प्रत्याशियों का ऐलान किया है। इनमें से 48 मौजूदा सांसदों को टिकट दिया गया है। जबकि 13 नए लोगों को टिकट दिया गया है, उनमें से 6 सीटें अनुसूचित जनजाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं। बाराबंकी से प्रियंका रावत का टिकट काट दिया है। पीलीभीत और सुल्तानपुर सीट मेनका और वरुण गांधी से अदला-बदली कर दी है। बहराइच से सावित्री बाई का टिकट काटा गया है। छत्तीसगढ़ में सभी मौजूदा सांसदों का टिकट काट दिया गया है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी रेस से बाहर नजर आ रहे हैं।
टिकट बंटवारे में 'धमकी' ने किया असर
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने बेटे दुष्यंत सिंह को टिकट दिलवाने में कामयाब रही हैं वहीं बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का टिकट कटने की आशंका को देखते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखना काम कर गया है। दुष्यंत सिंह बारां-झालावाड़ से सांसद हैं और साक्षी महाराज उत्तर प्रदेश के उन्नाव से सांसद हैं।
सुषमा और सुमित्रा पर संशय बरकरार
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की उम्मीदवारी पर अभी संशय बरकरार है। सुषमा स्वराज ने चुनाव समिति में लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार किया है। वहीं आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन को 75 से ज्यादा फार्मूले के तहत टिकट काटा जा सकता है। दोनों का टिकट पेंडिंग है।
पैराशूट उम्मीदवारों को भी टिकट
बीजेपी ने एक तरफ अपने कई मौजूदा सांसदों पर भरोसा नहीं जताया दूसरी तरफ कई पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट दिया है। जयाप्रदा को पार्टी ज्वॉइन करते ही टिकट दे दिया गया। वो उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से चुनाव लड़ेंगी। इसके अलावा अन्य पार्टियां छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए लोगों को टिकट मिलने की एक लंबी लिस्ट है। पश्चिम बंगाल में पार्टी ने छह सीटों पर तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस व माकपा से आए नेताओं को टिकट दिया है। ओडिशा में भी बीजेपी ने बीजद से आए बैजयंत पांडा, बलभद्र मांझी के साथ पूर्व आईएएस अपराजिता सारंगी को मैदान में उतारा है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इस बार कुल सात चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं। पहला चरण 11 अप्रैल को जबकि अंतिम चरण 19 मई को होगा। वोटों की गिनती 23 मई को होगी।