केंद्र पर KCR का गंभीर आरोप, कहा- प्रतिबंधों के कारण 2022-23 में तेलंगाना की आय में आई 40 हजार करोड़ से अधिक की कमी
By मनाली रस्तोगी | Published: November 25, 2022 09:52 AM2022-11-25T09:52:16+5:302022-11-25T09:53:21+5:30
तेलंगाना सरकार के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की राज्य पर अनावश्यक प्रतिबंधों के कारण राज्य को 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की आय का नुकसान हुआ है।

केंद्र पर KCR का गंभीर आरोप, कहा- प्रतिबंधों के कारण 2022-23 में तेलंगाना की आय में आई 40 हजार करोड़ से अधिक की कमी
हैदराबाद:तेलंगाना पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए अनावश्यक प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप 2022- 2023 में राज्य को प्राप्त होने वाली आय में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आई। तेलंगाना सरकार ने यह दावा किया। राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने लोगों को विस्तार से अवगत कराने के लिए दिसंबर में एक सप्ताह के लिए विधानसभा सत्र आयोजित करने का भी फैसला किया।
सीएम ने आगे वित्त मंत्री हरीश राव और विधायी मामलों के मंत्री प्रशांत रेड्डी को इस दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया। तेलंगाना सरकार के एक बयान में कहा गया है कि ऊटपटांग आर्थिक नीतियों पर चल रही केंद्र सरकार का रवैया राज्यों के भविष्य और उनके विकास में बाधक बन गया है। एक नियमित प्रथा के रूप में केंद्र प्रत्येक राज्य के लिए एक राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (FRBM) सीमा की घोषणा करता है।
तेलंगाना को 2022-23 वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 54,000 करोड़ रुपये की FRBM सीमा दी गई थी। इसके बाद तेलंगाना ने बजट परिव्यय तैयार किया। हालांकि, केंद्र ने अचानक राज्य की FRBM सीमा को घटाकर 39,000 करोड़ रुपये कर दिया। इसके अलावा आर्थिक रूप से मजबूत राज्य FRBM सीमा से आधा प्रतिशत अतिरिक्त फंड जुटाने के हकदार हैं।
राज्य को बिजली सुधारों को लागू करने के लिए मजबूर करके, जो किसानों और कृषि के खिलाफ हैं, तेलंगाना को आधे प्रतिशत अतिरिक्त ऋण सुविधा से वंचित रखा गया है। इससे राज्य को करीब छह हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। केंद्र ने राज्य को गैर-बजटीय कोष में 20,000 करोड़ रुपये जारी करने पर भी रोक लगा दी।
कुल मिलाकर केंद्र की गलत नीतियों और उसके फैसलों के कारण तेलंगाना को लगभग 40,000 करोड़ रुपये नहीं मिले। चूंकि तेलंगाना सरकार इसे सामने लाना चाहती है, इसलिए राज्य और देश की पूरी जानकारी देने के लिए दिसंबर में विधानसभा का सत्र आयोजित किया जाएगा।