शिवसेना से बिगड़े रिश्ते के बाद बीजेपी नेता ने कहा- 'मास्टर स्ट्रैटेजिस्ट' के कारण ही महाराष्ट्र ले डूबे प्रशांत किशोर
By एस पी सिन्हा | Published: November 13, 2019 08:05 PM2019-11-13T20:05:06+5:302019-11-13T20:05:47+5:30
Maharashtra: प्रशांत किशोर ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का सपना दिखाया था. यही वजह है कि 50-50 फॉर्मूले के तहत शिवसेना ने भाजपा से ढाई साल तक के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग की थी, जिसे भाजपा ने ठुकरा दिया था.
महाराष्ट्र में शिवसेना व भाजपा के बीच आई खटास के बाद भाजपा नेता प्रीती गांधी ने चुनावी रणनीतिकार और जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि प्रशांत किशोर ले डूबे. उधर, जदयू नेता अजय आलोक ने भी प्रशांत किशोर पर हमला बोला है. अजय आलोक प्रशांत किशोर पर तंजते हुए अप्रत्यक्ष रूप से किशोर पर हमला बोलते हुए कहा है कि 'मास्टर स्ट्रैटेजिस्ट' के कारण ही महाराष्ट्र में ऐसा हाल हुआ है.
दरअसल, माना जा रहा है की प्रशांत किशोर ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का सपना दिखाया था. यही वजह है कि 50-50 फॉर्मूले के तहत शिवसेना ने भाजपा से ढाई साल तक के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग की थी, जिसे भाजपा ने ठुकरा दिया था. अंत में दोनों भगवा पार्टी के बीच ढाई दशक से भी पुराना गठबंधन टूट गया.
जदयू नेता अजय आलोक ने ट्वीट कर कहा, 'एक हैं मास्टर स्ट्रैटेजिस्ट. पिछले कुछ दिनों से शिवसेना उनसे ज्ञान ले रही थी. नतीजा सब देख रहे हैं. अब महामहिम ने और समय नहीं दिया. लगता है इस पहलू पर मास्टर साहब ने ध्यान नहीं दिया होगा. नतीजा न तीन में न तेरह में. कहते हैं न गफलत में सब गए, माया मिली न राम.
जय मातर साब.' प्रशांत किशोर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने तंज किया कि अब बहुत लोगों को “बाबा जी का ठुल्लू” मिलेगा. जनता का मजाक बना है पिछले 18 दिनों से. महाराष्ट्र की जनता सोचे कि इन लोगों के साथ आगे क्या करना है? जो भी हो रहा है, दुखद है.
वहीं, भाजपा महिला मोर्चा की नेता व पार्टी के सोशल मीडिया विंग की राष्ट्रीय प्रभारी प्रीती गांधी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की स्थिति के लिए प्रशांत किशोर को जिम्मेदार ठहराया है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि प्रशांत किशोर ले डूबे. बताया जाता है कि प्रशांत किशोर के इस कदम का बिहार की राजनीति पर भी असर पडना तय है.
सूत्रों के मुताबिक, पीके की सलाह पर ही उद्धव ठाकरे के मन में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जगी. इसके बाद महाराष्ट्र में गद्दी के लिए महाभारत शुरू हो गया. माना जा रहा है की प्रंशात किशोर इसके जरिये एक तीर से दो निशाना बना रहे हैं, जिसमें अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू को सीटों के बंटवारे में भाजपा पर दबाव बनान आसान होगा, तो वहीं इस 'गेम' से वर्ष 2024 के चुनाव में नीतीश कुमार के महत्वकांक्षा को बल मिलेगा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रशांत किशोर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से चुनाव से पहले मिलने गए थे. उस वक्त यह करार हो गया था कि प्रशांत शिवसेना को भाजपा से निपटने का गुर बताएंगे और चुनाव बाद वही हुआ भी. लेकिन, इसको लेकर अब जदयू पर अंगुलियां उठने लगी हैं तो पार्टी इससे पल्ला झाड़ रही है. वहीं, विपक्ष में बैठे नेताओं को हमला करने का मौका मिल गया है.