लोक सभा 2019: तो क्या चुनावी लाभ के लिए बीजेपी यूपी को 4 हिस्सों में बांटने पर कर रही है विचार?
By रंगनाथ सिंह | Published: September 14, 2018 06:55 PM2018-09-14T18:55:38+5:302018-09-14T19:07:28+5:30
रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इस योजना से सहमति रखते हैं।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लोक सभा चुनाव 2019 की तैयारी शुरू कर चुकी है। ये साफ है कि बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती उत्तर प्रदेश बनने वाला है।
पिछले लोक सभा चुनाव में यूपी की कुल 80 लोक सभा सीटों में से 73 सीटों पर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को जीत मिली थी। बीजेपी दावा कर रही है कि वो आगामी चुनाव में 73 से भी ज्यादा सीटें जीतेगी।
लेकिन यूपी के लोक सभा उपचुनाव में जिस तरह समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मिलकर बीजेपी को फूलपुर, गोरखपुर और कैराना लोक सभा सीटों के चुनाव में हराया उसके बाद से राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि अगर ये दोनों दल आगामी लोक सभा चुनाव में मिलकर चुनावी अखाड़े में उतरे तो बीजेपी चारों खाने चित हो सकती है।
बीजेपी ऊपर से ख़ुद को चाहे जितना भी सहज दिखाये लेकिन अंदरखाने वो भी इस आशंका को लेकर सतर्क है।
नेशनल हेरल्ड की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी यूपी में सपा और बसपा के साझा टीम को मात देने की रणनीतियों पर विचार कर रही है। इस समय केंद्र और उत्तर प्रदेश दोनों जगहों पर बीजेपी सत्ता में है तो इस अफवाह को बल मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश के चार हिस्से बनाने की योजना
हेरल्ड की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी यूपी को चार हिस्सों में बाँटने की संभावना पर विचार कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार यूपी को हरित प्रदेश, पूर्वांचल, अवध और बुंदेलखण्ड में बाँटने की योजना को मंजूरी दी जा सकती है। इस योजना के अनुसार हरित प्रदेश की राजधानी मेरठ, पूर्वांचल की राजधानी इलाहाबाद, अवध की राजधानी लखनऊ और बुंदेलखण्ड की राजधानी झांसी को बनाने की योजना है।
हेरल्ड की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इस योजना से सहमति रखते हैं।
बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि चार हिस्सों में बाँट देने से सपा और बसपा की ताकत बँट जाएगी और बीजेपी को इसका सीधा फायदा होगा।
बीजेपी पहले से ही छोटे राज्यों के पक्ष में रही है। बीजेपी मानती रही है कि छोटे राज्य विकास के लिए मुफीद साबित होते हैं।
बीजेपी को हुआ था फ़ायदा
अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्र में सत्ता आने के बाद झारखण्ड, उत्तराखण्ड और छत्तीसगढ़ नए राज्यों के गठन को मंजूरी दी थी। ये तीनों ही राज्य साल 2002 में बने थे। इन तीनों राज्यो में आज बीजेपी की सत्ता है।
बीजेपी के रणनीतिकार मानते हैं कि जिस तरह बिहार के बँटने से राजद झारखण्ड में कमजोर हो गयी और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा बिहार में अस्तित्वहीन हो गयी उसी तरह यूपी के बँटने पर सपा और बसपा की ताकत बँट जाएगी।
खास बात यह है कि रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी इससे इत्तेफाक रखता है।बीजेपी भले ही अब जाकर मंसूबा पाल रही हो लेकिन बीआर अंबेडकर ने आजादी के बाद यूपी के बंटवारे की वकालत की थी। फिर चौधरी चरण सिंह ने 1970 के दशक में इसकी मांग उठायी।
बाद में मायावती ने भी यूपी को चार भाग में बांटने की बात कही थी। लेकिन इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।