अगर देश में NRC हुआ लागू, तो पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंध होंगे प्रभावित: एचडी देवगौड़ा
By रामदीप मिश्रा | Published: November 21, 2019 06:02 PM2019-11-21T18:02:18+5:302019-11-21T18:02:18+5:30
NRC विवादः पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा एनआरसी को लेकर कहा है कि बीजेपी सरकार ने इसके परिणामों पर ध्यान नहीं दिया है। वह पूरे देश में एनआरसी को लागू करना चाहते हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की प्रक्रिया पूरे देशभर में शुरू की बात कही है। उनके इस बयान के बाद एनआरसी को लेकर कई लोगों ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। इस कड़ी में गुरुवार (21 नवंबर) को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी शामिल हो गए हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा एनआरसी को लेकर कहा है कि बीजेपी सरकार ने इसके परिणामों पर ध्यान नहीं दिया है। वह पूरे देश में एनआरसी को लागू करना चाहते हैं। अगर इसे लागू किया जाता है, तो यह पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंधों को प्रभावित करेगा। असम को देखें, वहां क्या हुआ है, कड़वे अनुभवों से सीखने की जरूरत है।
HD Deve Gowda, Former PM: BJP Govt has not taken consequences into consideration,they want to implement NRC across nation.If it gets implemented, it will strain our relations with neighbouring countries. Look at Assam, what has happened there,need to learn from bitter experiences pic.twitter.com/4m2jiwn9Vn
— ANI (@ANI) November 21, 2019
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर विवादास्पद एनआरसी मुद्दे पर केन्द्र पर हमला बोलते हुए कहा कि इसे कभी राज्य में लागू नहीं होने देंगे। बनर्जी ने असम में एनआरसी को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में हुए असम समझौते के तहत बताते हुए कहा कि इसे पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो राज्य में एनआरसी लागू करने के नाम पर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हम बंगाल में एनआरसी की कभी अनुमति नहीं देंगे।
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने देशभर में एनआसी की प्रक्रिया शुरू करने की राजग सरकार की योजना पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया से लोगों को खासकर अल्पसंख्यकों और ‘‘कमजोरों’’ को मुश्किलें ही आने वाली हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘खोदा पहाड़ निकला चूहा। अब भाजपा इसे हटवाना चाहती है, लेकिन पूरे भारत में इसे लागू कराना चाहती है।’’
बता दें कि बीते दिन राज्यसभा नें गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि भारत के सभी नागरिकों को एनआरसी सूची में शामिल किया जाएगा चाहे वे किसी भी धर्म के हो। उन्होंने कहा कि एनआरसी में धार्मिक आधार पर नागरिकों की पहचान का कोई प्रावधान नहीं है। इसमें सभी धर्मों के लोगों को शामिल किया जाएगा।
उन्होंने एनआरसी में छह गैर मुस्लिम धर्मों के शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने से जुड़े एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि सरकार चाहती है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाये। इसके लिये सरकार नागरिकता कानून में संशोधन करेगी।