भाजपा महासचिव राम माधव ने पासपोर्ट विवाद में सुषमा का बचाव किया

By भाषा | Published: July 6, 2018 08:01 PM2018-07-06T20:01:49+5:302018-07-06T20:01:49+5:30

भाजपा महासचिव राम माधव ने अंतरधार्मिक दंपति के पासपोर्ट आवेदन मामले से जुड़े विवाद में सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को निशाना बनाकर उनके साथ अभद्रता , उनकी मौत की कामना और अशोभनीय शब्दों के इस्तेमाल पर आपत्ति प्रकट करते हुए उन्हें ऐसा नेता बताया जिन्होंने चार दशकों से ज्यादा समय तक राष्ट्रवाद की हिमायत की है।

BJP general secretary Ram Madhav defended Sushma in passport dispute | भाजपा महासचिव राम माधव ने पासपोर्ट विवाद में सुषमा का बचाव किया

भाजपा महासचिव राम माधव ने पासपोर्ट विवाद में सुषमा का बचाव किया

नई दिल्ली,6 जुलाई: भाजपा महासचिव राम माधव ने अंतरधार्मिक दंपति के पासपोर्ट आवेदन मामले से जुड़े विवाद में सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को निशाना बनाकर उनके साथ अभद्रता , उनकी मौत की कामना और अशोभनीय शब्दों के इस्तेमाल पर आपत्ति प्रकट करते हुए उन्हें ऐसा नेता बताया जिन्होंने चार दशकों से ज्यादा समय तक राष्ट्रवाद की हिमायत की है।

एक अग्रणी अंग्रेजी अखबार में आलेख में उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में मतभिन्नता संभव और मान्य है लेकिन दंपति के धर्म के बारे में अप्रासंगिक सवाल पूछने के आरोपी पासपोर्ट अधिकारी के तबादले जैसे फैसले के लिए विदेश मंत्री पर दोष मढना अनुचित होगा। विवाद पर भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा सुषमा स्वराज के बचाव में आने का यह पहला मौका है। राम माधव को आरएसएस का भी करीबी माना जाता है।

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दंपति तन्वी सेठ और अनस सिद्दिकी के पासपोर्ट मामले में सुषमा स्वराज को निशाना बनाया गया। तन्वी सेठ ने आरोप लगाया था कि लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने उनके और उनके पति को परेशान किया। माधव ने कहा , ‘‘ दो अलग धर्मों से जुड़े प्रत्येक मामले को केवल एक धार्मिक नजरिए से देखने की जरूरत नहीं है। वहां धर्मनिरपेक्ष मुद्दा हो सकता है , जिसमें दो धर्मों के लोग जुड़े हैं। उन्हें पूरी तरह प्रशासनिक या शासन के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। ’’

उन्होंने कहा , ‘‘ इन मामलों में मत भिन्नता संभव है और मान्य भी। लेकिन उनका पीछा करना , अभद्रता , मौत की कामना करना या बेगम सुषमा जैसी अप्रिय बात कहना या उनके स्वास्थ्य या किडनी के बारे में अनुचित टिप्पणी करना , एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर का उनके पति को पिटाई के लिए कहना बिल्कुल उचित नहीं है। ’’ यह चीज ऐसे नेता के साथ हुई , जिसने देश राजनीति के उतार - चढ़ाव के बीच चार दशकों से ज्यादा समय तक राष्ट्रवाद की हिमायत की।

सुषमा स्वराज को निशाना बनाने वाले सोशल मीडिया के कई सारे यूजर को भाजपा का मुखर समर्थक माना जाता है। महासचिव ने कहा कि उन्होंने गरिमा के साथ जवाब दिया और उनके पति ने भी ऐसा ही किया । माधव ने कहा कि मामला असल में ‘ पुरातनपंथी मौलवी ’ के खिलाफ होना चाहिए जिसने हिंदू महिला का नाम निकाहनामा में बदलने पर जोर दिया और अधिकतर मामले में यह महिलाओं की इच्छा के खिलाफ होता है।

माधव ने कहा कि उनके निकाहनामा में उनका नाम शादिया दिया गया है लेकिन आधार कार्ड और उनके बैंक खाते सहित अन्य दस्तावेजों में उनका नाम तन्वी सेठ है। उन्होंने कहा , ‘‘ इसलिए , संदेह का लाभ तन्वी सेठ के पक्ष में जाता है क्योंकि उन्होंने मुस्लिम व्यक्ति से 15 साल पहले हो चुकी शादी के बाद भी अपना हिंदू नाम बनाए रखने का फैसला किया। ’’

उन्होंने कहा कि अंतर - धार्मिक शादी के बाद भी अपनी धार्मिक पहचान कायम रखने वाले लोगों के ऐसे बहुत सारे मामले हैं और भाजपा में भी तथा सार्वजनिक जीवन में ऐसे कई नामी लोग हैं। माधव ने कहा , ‘‘ दुर्भाग्य से इस मामले में , एक महिला जो खड़ी हुई और कहा कि वह हिंदू रहना चाहती है , वह विलेन बन गयी और उनका मुस्लिम नाम बदलने वाला पुरातनपंथी मौलवी हीरो बन गया। ’’

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Web Title: BJP general secretary Ram Madhav defended Sushma in passport dispute

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