राज्यसभा उपचुनावः सुशील मोदी होंगे भाजपा प्रत्याशी, पीछे रह गए शाहनवाज हुसैन और रितुराज सिन्हा
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 27, 2020 08:26 PM2020-11-27T20:26:51+5:302020-11-27T20:35:32+5:30
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन से रिक्त हुए राज्यसभा की एक सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 26 नवंबर से शुरू होगी।
नई दिल्लीः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भाजपा के उम्मीदवार होंगे। बिहार में राज्यसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है।
लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को करारा झटका लगा है। वह अपनी मां रीना पासवान के लिए भाजपा से टिकट मांग रहे थे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन से रिक्त हुए राज्यसभा की एक सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 26 नवंबर से शुरू होगी।
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को अपना उम्मीदवार बनाया है। सुशील मोदी के अलावा भाजपा के पूर्व सांसद शाहनवाज हुसैन और पूर्व सांसद आरके सिन्हा के पुत्र कारोबारी रितुराज सिन्हा का नाम भी चर्चा में था।
BJP chooses Sushil Kumar Modi (in file photo) for the Rajya Sabha by-election in Bihar. pic.twitter.com/DWOyp5R82o
— ANI (@ANI) November 27, 2020
पटना प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में नामांकन होगा। इसके लिए मतदान 14 दिसंबर को अपराह्न तीन बजे तक होगा, उसी दिन शाम पांच के बाद मतगणना होगी। दरअसल, लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के दौरान समझौते के तहत भाजपा ने अपने कोटे से पासवान को राज्यसभा भेजा था।
चुनाव जीतने के लिए 122 वोट की जरूरत है। इस तरह से इस एकमात्र सीट को निकालने के लिए किसी भी गठबंधन के पास विधानसभा में बहुमत का होना जरूरी है। अगर विपक्ष की ओर से भी प्रत्याशी खड़ा कर दिया जाता है तो 243 सदस्यीय विधानसभा में जीत उसी की हो सकती है, जिसे प्रथम वरीयता के कम से कम से कम 122 वोट मिलेंगे, हालत यह है कि कोई भी दल अकेले इस अंक के आसपास भी नहीं है।
सुशील कुमार मोदी पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति में सक्रिय थे और 1974 में जय प्रकाश नारायण के आह्वान पर वह छात्र आंदोलन में शामिल हो गए। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य बने और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रहे। वह 1990 में पटना सेंट्रल विधानसभा सीट से चुने गए तथा 1995 और 2000 में भी विधानसभा पहुंचे।
साल 2005 में बिहार चुनाव में राजग को बहुमत मिला, तब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद पिछली सरकार तक जब भी जदयू एवं भाजपा गठबंधन की सरकार बनी तो सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई।