लोकसभा चुनाव के लिए सुरक्षित और आसान क्षेत्र तलाश रहे भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज
By शिवअनुराग पटैरया | Published: March 19, 2019 02:16 AM2019-03-19T02:16:11+5:302019-03-19T02:16:11+5:30
लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस कई बड़े नेता अपने वर्तमान या परंपारिक संसदीय को छोड़कर नए क्षेत्रों की तलाश में डटे हैं इसके साथ ही कुछ दूसरे नेताओं परिजन भी लोकसभा चुनाव के मैदान में भाग्य आजमाने के लिए सुरक्षित क्षेत्रों की तलाश में लागिन कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के तमाम दिग्गज लोकसभा चुनाव के लिए सुरक्षित चुनाव क्षेत्र तलाश रहे हैं। वहीं उनके प्रतिद्वंदी उन्हें उलझाए रखने के लिए उन क्षेत्रों में भेजना चाह रहे हैं जो कठिन माने जाते हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस कई बड़े नेता अपने वर्तमान या परंपारिक संसदीय को छोड़कर नए क्षेत्रों की तलाश में डटे हैं इसके साथ ही कुछ दूसरे नेताओं परिजन भी लोकसभा चुनाव के मैदान में भाग्य आजमाने के लिए सुरक्षित क्षेत्रों की तलाश में लागिन कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने सुरक्षित क्षेत्रों की तलाश में लगे नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह, सांसद अनूप मिश्रा सांसद प्रहलाद पटेल प्रमुख हैं।वैसे इन नेताओं की सुरक्षित क्षेत्रों की तलाश भी कम नही है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव के लिए अपने परंपारिक लोकसभा क्षेत्र राजगढ़ जाना चाह रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह कहकर उनकी दावेदारी को उलझा दिया कि दिग्विजय सिंह को किसी कठिन क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहिए। उनकी इस रह का पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी खुलकर समर्थन किया। कमलनाथ के बाद दिग्विजय सिंह के द्बारा दिग्विजय सिंह को कठिन क्षेत्र से चुनाव लड़ने की सलाह दिए जाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्बारा भी एसी ही रह दिए जाने को लेकर दो तरह के मंतव्य निकाले जा रहे हैं पहला तो यह कि दिग्विजय सिंह ऐसे सक्षम नेता है जो प्रदेश की किसी भी सीट से चुनाव जीत सकते है। इसका दूसरा मंतव्य यह भी निकाल जा रहा हैं कि कहीं कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दिग्विजय सिंह को उलझाने की रणनीति पर तो आगे नहीं बढ़ रहे है।
कमलनाथ और सिंधिया के इन ब्यानों के बाद दिग्विजय सिंह ने भी एक दाव चला, उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा कि ‘मैं राघौगढ़ की जनता की कृपा से 77 की जनता पार्टी लहर में भी लड़कर जीत कर आया था। चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत है। जहां से भी मेरे नेता राहुल गांधी कहेंगे मैं लोकसभा चुनाव लड़ने तैयार हूं।’ ‘अपने एक और ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने कहा कि धन्यवाद कमलनाथ को जिन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया। उन्होंने मुझे इस लायक समझा मैं उनका आभारी हूं।’ दिग्विजय सिंह के इन ट्वीट से साफ संदेश जा रहा है कि वे खुद तो राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र को समेटने वाले राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते है लेकिन अगर कांग्रेस अध्यक्ष चाहे तो वह कही से भी चुनाव लड़ सकते हैं। वैसे माना ये जा रहा है कि कमलनाथ और सिंधिया दिग्विजय सिंह को विदिशा, भोपाल अथवा इंदौर में से किसी एक स्थान से चुनाव लड़वाने वकालत करे रहें है।
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंंधिया के वर्तमान संसदीय क्षेत्र राजगढ़- शिवपुरी में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था इसलिए सिंधिया अपने वर्तमान क्षेत्र को छोड़कर ग्वालियर जाने की फिराक में हैं। वहीं गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से वह अपनी पत्नी प्रिदर्र्शनी राजे सिंधिया को मैदान में उतारे जाने की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी अपने पति के परंपारिक संसदीय क्षेत्र विदिशा से चुनाव लड़ने के लिए गोटियां जमा रहीं हैं। 2005 में शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बनने के पूर्व इसी लोकसभा क्षेत्र से चुने जाते रहे हैं। फिलहाल विदिशा से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सांसद हैं। उन्होंने खुद चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी है इसलिए साधना सिंह पूरी ताकत से भाजपा प्रत्याशी बनने के लिए प्रयासरत हैं। वैसे साधना सिंह अपने पति शिवराज सिंह चौहान के द्बारा 2005 में यह सीट खाली किए जाने के बाद 2006 में हुए लोकसभा उपचुनाव के वक्त से यहां से प्रत्याशी बनने के लिए प्रयासरत है। 2006 के उपचुनाव के बाद उन्होंने 2008 और 2013 के आम चुनाव में भी विदिशा से टिकट चहा था पर यह संभव नहीं हो पाया। टिकट पाने की चाह में साधना सिंह विदिशा से लगातार उनको टिकट देने मांग उठवा रही हैं। इसके चलते एक बडे प्रतिनिधि मंडल ने भोपाल आकर शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह के सामने अपनी बात रखी है।
अटलबिहारी वाजपेयी के भांजे मुरैना के स्थान पर ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाह रहे है तो केन्द्रीय मंत्री नरेद्र सिंह तोमर ग्वालियर के स्थान पर भोपाल अथवा विदिशा में अपनी संभावनाएं तलाश रहे है।