BJP और AIADMK के बीच हुआ गठबंधन, पीयूष गोयल ने आधी रात मीटिंग के बाद तय किया ये फार्मूला
By विकास कुमार | Published: February 16, 2019 01:32 PM2019-02-16T13:32:59+5:302019-02-16T14:38:08+5:30
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक तमिलनाडु के अलावा पुडुचेरी के भी एक सीट पर गठबंधन किया जायेगा. कूल मिलकर 40 सीटों पर गठबंधन की रूप-रेखा तय की गई है. तमिलनाडु में लोकसभा की 40 सीटें (पुडुचेरी की भी एक सीट शामिल) हैं.
पीयूष गोयल के साथ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री पनीरसेल्वम के अर्धरात्री मीटिंग के बाद भाजपा और एआईएडीएमके के गठबंधन पर मुहर लग गई है. अगले सप्ताह इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी. ओ पनीरसेल्वम ने कहा है कि एक दो दिनों में सद्धभावना पूर्ण फैसला ले लिया जायेगा. भाजपा पिछले काफी समय से तमिलनाडु में गठबंधन का प्रयास कर रही थी.
क्या है फार्मूला
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक तमिलनाडु के अलावा पुडुचेरी के भी एक सीट पर गठबंधन किया जायेगा. कूल मिलकर 40 सीटों पर गठबंधन की रूप-रेखा तय की गई है. तमिलनाडु में लोकसभा की 40 सीटें (पुडुचेरी की भी एक सीट शामिल) हैं और दोनों पार्टियों के बीच 25-15 पर सहमति बनी है. दोनों पार्टियां इस बात पर भी सहमत हैं कि अन्य छोटी पार्टियों को सीटें अपने-अपने हिस्से से देंगी.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि बीजेपी आठ सीटों पर लड़ेगी, चार सीटें पीएमके को देगी और तीन डीएमडीके को. मकसद साफ है कि बीजेपी तमिलनाडु के रास्ते इस बार दक्षिण भारत में कोई बड़ा चमत्कार की उम्मीद लगाये हुए है. केरल में भी इसी तरह से बीजेपी छोटे दलों से गठबंधन कर सकती है.
पीएम मोदी और पनीरसेल्वम की नजदीकी
जयललिता के निधन के बाद जब पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम के बीच राजनीतिक तकरार हुआ था तब पीएम मोदी ने ही बीच-बचाव किया था और पार्टी को टूटने से बचाया था. इसके बाद से ही कहा जा रहा था कि नरेन्द्र मोदी और पनीरसेल्वम की बढ़ती नजदीकियों के मायने हैं जिसका असर लोकसभा चुनाव से पहले मिल सकता है.
बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन की ख़बरें ऐसे समय में आ रही है जब डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का इशारा दिया है. लेकिन अभी तक कोई भी औपचारिक एलान नहीं हुआ है.
जयललिता और नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक नजदीकी हमेशा से रही थी. लेकिन कभी चुनावी गठबंधन नहीं हुआ. लेकिन अम्मा के निधन के बाद उनकी पार्टी की स्थिति कमजोर हुई है और कमल हसन और रजनीकांत जैसे नए खिलाड़ियों के आ जाने के कारण भी प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है. ऐसे में एआईएडीएमके के पास बीजेपी से गठबंधन के अलावा कोई ख़ास चारा नहीं रह गया था.