कोरोना के बीच जारी हुआ बर्ड फ्लू का कहर: हिमाचल, राजस्थान-गुजरात-मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में अलर्ट, मचा हड़कंप
By स्वाति सिंह | Published: January 5, 2021 01:30 PM2021-01-05T13:30:46+5:302021-01-05T13:38:07+5:30
केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन के आने पर राहत के बीच अब एक नया संकट गहराता दिखाई दे रहा है। देश अभी कोरोना महामारी से उभरा भी नहीं है कि अब एक नया संकट खड़ा हो गया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश के बाद हिमाचल और केरल तक बर्ड फ्लू से दहशत मच गई है जिसे देखते हुए राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी किया है। केरल ने तो इसे राजकीय आपदा घोषित कर दिया है।
हरियाणा का पोल्ट्री हब कहे जाने वाले अंबाला और पंचकुला में एक लाख मुर्गियों की मौत हो गई। फिलहाल सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। वहीं कोरोना की वैक्सीन का इंतजार हो रहा है और देश में एक दूसरी समस्या ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। उत्तर से दक्षिण तक अचानक हजारों पक्षियों की मौत से हड़कंप मच गया है। कौवे, बत्तख, मुर्गियों और बगुले की मौत को लेकर राजस्थान, एमपी, हिमाचल गुजरात, मध्य प्रदेश हर जगह खलबली मच गई है। राजस्थान में तो धारा-144 लागू करनी पड़ी है।
मरे हुए कौवों में घातक वायरस पाए जाने के बाद राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश की सरकार ने अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने कहा, 'प्रदेश में हो रही कौवों की मृत्यु पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिए पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के निर्देश पर अलर्ट जारी किया गया है।' इसके अलावा, प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की परिस्थिति में कौवों और पक्षियों की मौत की सूचना पर तत्काल रोग नियंत्रण के लिये भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा।